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जेल में बंद है शाहीन बाग में प्रदर्शन करने वाली ये लड़की, प्रेग्नेंसी पर लोगों ने किए भद्दे कमेंट, जानें सच
नई दिल्ली। जामिया मिलिया इस्लामिया की लॉ की स्टूडेंट सफ़ूरा ज़रगर को गैरकानूनी गतिविधि रोकने के कानून के तहत 10 अप्रैल को गिरफ्तार किया गया। सफ़ूरा ज़रगर पर गैर जमानती धाराओं में मामला दर्ज किया गया। ज़रगर को तिहाड़ जेल में रखा गया है। जेल में जब उनकी कोरोना जांच की गई तो वे प्रेग्नेंट पाई गईं। इसके बाद उन पर व्यक्तिगत हमले बढ़ गए। सोशल मीडिया पर उन्हें अविवाहित बता कर उनके चरित्र पर लांछन लगाया जाने लगा। सफ़ूरा ज़रगर नागरिकता संशोधन विधेयक CAA के विरोध में चले आंदोलन में काफी सक्रिय रही थीं। उन्होंने शाहीन बाग में चले लंबे धरने और विरोध प्रदर्शनों में जम कर हिस्सा लिया था और उसका नेतृत्व किया था। उनके प्रेग्नेंट होने के बाद ट्विटर पर विवाहित बता कर उन पर कीचड़ उछाला जा रहा है। उनके खिलाफ इस तरह की पोस्ट की बाढ़ आ गई है। क्या ज़रगर अविवाहित हैं? जानें क्या है इसके पीछे की सच्चाई।
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जामिया मिल्लिया की स्टूडेंट सफ़ूरा ज़रगर को लेकर ट्विटर पर जो पोस्ट डाली गईं, उनमें उन्हें शाहीन बाग में दंगा भड़काने वाला बताया गया। वहीं, यह भी कहा गया कि कोरोना टेस्ट में ये दो महीने की प्रेग्नेंट निकलीं। उन भद्दा कमेंट करते हुए कहा गया कि इसे यानी प्रेग्नेंसी को ऊपर वाले की देन मत बताना।
सोशल एक्टिविस्ट्स और आंदोलनकारियों को पहले भी ट्रोलर सोशल मीडिया पर निशाना बनाते रहे हैं। उन्हें घटिया और शर्मनाक कमेंट्स का सामना करना पड़ता है। ऐसे लोगों पर व्यक्तिगत हमले बढ़ जाते हैं। सफ़ूरा ज़रगर के मामले में जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी की पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष शेहला राशिद ने कहा कि इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि प्रेग्नेंट होने वाली महिला शादीशुदा है या नहीं।
कुछ लोगों का मानना है कि अल्पसंख्यक समुदाय की होने और शाहीन बाग के आंदोलन में बढ़-चढ़ कर भाग लेने के कारण ज़रगर पर इस तरह के घटिया कमेंट किए जा रहे हैं। इस तरह से उनका चरित्र हनन करने की कोशिश की जा रही है। यह सोशल मीडिया का गलत इस्तेमाल है, लेकिन ट्रोलर्स ऐसा पहले से ही करते रहे हैं।
यहां यह जानना जरूरी है कि सोशल मीडिया पर उनके अविवाहित होने के जो दावे किए जा रहे हैं, वे पूरी तरह से गलत हैं। उनकी शादी 2018 में ही हो चुकी है। मीडिया के लोगों ने उनके पति से बात की है। कोई भी इसके बारे में तथ्यात्मक जानकारी हासिल कर सकता है।
जेल जाने के पहले ही उनकी प्रेग्नेंसी के बारे में पता चल चुका था। अल जज़ीरा की एक रिपोर्ट के मुताबिक, 10 फरवरी को पुलिस और स्टूडेंट्स के बीच हुए एक विवाद के दौरान ज़रगर घायल हो गई थीं और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। तभी उनकी प्रेग्नेंसी के बारे में उनके पति ने डॉक्टरों को बतलाया था। कोरोना महामारी फैलने के बाद उन्होंने घर से निकलना बंद कर दिया था। सिर्फ जरूरी काम से ही वे कभी-कभी बाहर निकलती थीं।
10 अप्रैल को गिरफ्तारी के बाद ही ज़रगर ने बताया था कि वे 3 महीने की प्रेग्नेंट हैं और इसी आधार पर जमानत के लिए अर्जी भी दी थी। 21 अप्रैल को अदालत में उनकी जमानत के लिए एक और अर्जी दी गई, जिसमें उनकी मेडिकल कंडीशन के बारे में जानकारी दी गई है और 3 महीने की प्रेग्नेंट बताया गया है।
ज़रगर के खिलाफ सोशल मीडिया पर जो प्रचार किया जा रहा है और उनके चरित्र पर लांछन लगाया जा रहा है, उसे लेकर महिला अधिकार कार्यकर्ता और वकील वृंदा ग्रोवर का कहना है कि अब यह जानकारी सार्वजनिक हो गई है कि ज़रगर शादीशुदा हैं। इसके बावजूद सोशल मीडिया पर पोस्ट कर के उन्हें बदनाम करने की कोशिश की जा रही है। ऐसा शाहीन बाग आंदोलन के विरोधी और असामाजिक तत्व कर रहे हैं।