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व्हाइट या ब्राउन नहीं, जैकलीन फर्नांडिस खाती हैं ब्लू राइस, इसलिए नहीं बढ़ता है एक्ट्रेस का वजन
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भारत में अचानक नीले चावल की चर्चा होने लगी। देश में कई तरह के चावल खाए जाते हैं लेकिन नीला चावल अभी तक अनसुना था। जैसे सफ़ेद और ब्राउन राइस होते हैं वैसे ही ये नीले चावल इनके किस्म नहीं होते।
नीला चावल सफ़ेद चावल से ही बनाया जाता है। इसे मलेशिया से लेकर थाईलैंड में खाया जाता है। इन देशों में नीले चावल की डिश को नासी केराबू कहते हैं। यही केराबू इन दिनों भारत में चर्चा में है।
नासी केराबू यानी ये नीले चावल मलेशिया थाईलैंड में सुखी मछलियों, फ्राइड चिकन के साथ खाई जाती है। इसे अचार और सलाद के साथ सर्व किया जाता है।
चावल के नीले रंग की ख़ास वजह है। इस डिश को अपराजिता के पत्ते के साथ पकाया जाता है। फूल की वजह से इसका रंग नीला होता है। पहले इसे विदेशों में ही बनाया जाता था लेकिन अब भारत के कई पांच सितारा रेस्त्रां में इस डिश को परोसा जाता है।
नीले चावल को खास तरह के लंबे जैस्मिन राइस से बनाया जाता है। इसके दाने लंबे लंबे होते हैं। ये चावल भी ज्यादातर थाईलैंड में मिलता है। इसे नॉर्मल तरीके से पानी में उबाल कर ही पकाना होता है। बस पकाते हुए इसमें अपराजिता के फूल मिला देते हैं।
नीले चावल सेहत के लिहाज से बेस्ट होते हैं। अपराजिता के फूल की वजह से इसमें एंटीऑक्सीडेंट्स भर जाते हैं। इसे खाने से कैंसर से भी बचाव होता है। साथ ही इस चावल को खाने से मोटापा भी नहीं बढ़ता।
नीले चावल इन दिनों इंस्टाग्राम पर धूम मचा रहे हैं। लोग इस चावल के बारे में सर्च कर रहे हैं। अब ये चावल थाईलैंड के अलावा भारत में भी मिलने लगा है। मुंबई के कई रेस्त्रां ने इसे मेन्यू में शामिल कर लिया है।