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World cancer day 2022: कैंसर के रिस्क को 10 गुना बढ़ा सकते हैं ये 8 फूड आइटम, आज ही बना लें इनसे दूरी
फूड डेस्क : कैंसर (Cancer) से बचाव और उसके प्रति जागरूकता पैदा के उद्देश्य से हर साल 4 फरवरी को विश्व कैंसर दिवस (World Cancer Day) मनाया जाता है। कैंसर कई तरह से लोगों को हो सकता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि खाने की कई ऐसी कई चीजें हैं, जो कैंसर कोशिकाओं को बढ़ा सकती है। डॉक्टर्स का भी मानना है कि अनहेल्दी लाइफस्टाइल और गलत खानपान कैंसर के जोखिम को 10 गुना तक बढ़ा सकता है। ऐसे में आज हम आपको बताते हैं ऐसे 8 फूड आइटम जिनसे आपको दूरी बनानी चाहिए...
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शराब
जब आप शराब का सेवन करते हैं, तो आपका लीवर अल्कोहल को एसिटालडिहाइड, एक कार्सिनोजेनिक यौगिक में तोड़ देता है। जिससे कैंसर का खतरा बढ़ता है। शराब के सेवन से मुंह, इसोफेगस, लिवर, कोलोन और रेक्टम के कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। एक अध्ययन के अनुसार, महिलाओं में शराब शरीर में एस्ट्रोजन के स्तर को बढ़ाती है। यह एस्ट्रोजन रिसेप्टर पॉजिटिव स्तन कैंसर के जोखिम को बढ़ाता है।
प्रोसेस्ड मीट
प्रोसेस्ड मीट को प्रीजर्व करने के लिए में नाइट्रेट और सोडियम का बहुत ज्यादा इस्तेमाल होता है, जो कैंसर से जुड़े होते हैं। लाल मांस में गोमांस, भेड़ का बच्चा और पोर्क खाने से हमें बचना चाहिए, क्योंकि इसमें वसा बहुत अधिक मात्रा में होती है। इसमें हॉट डॉग, सलामी, सॉसेज, हैम, गोमांस, बीफ जर्की शामिल है।
फ्राइड फूड
फ्राइड फूड जैसे- आलू के चिप्स, बर्गर पेटी और तले भुने खाने में बहुत ज्यादा नमक और सेच्युरेटेड फैट होता है जो सेहत के लिए बहुत नुकसानदायक है। इसके अलावा इसमें acrylamide तत्व होता है जो कार्सिनोजेनिक केमिकल यानी कैंसर पैदा करने वाला रसायन होता है।
डेयरी प्रोडक्ट
कुछ रिसर्चों में पाया गया है कि डेयरी प्रोस्टेट कैंसर के खतरे को बढ़ा सकती है। डेयरी खाद्य पदार्थों में दूध, पनीर और दही जैसे उत्पाद शामिल हैं। ये डेयरी प्रोडक्ट्स इंसुलिन जैसी वृद्धि कारक 1 (IGF-1) का स्तर बढ़ाते है। यह प्रोस्टेट कैंसर के उच्च जोखिम से जुड़ा है। IGF-1 प्रोस्टेट कैंसर कोशिकाओं को बढ़ा सकता है।
सोडा
सोडा में शुगर की अधिक मात्रा होती है जो कैंसर कोशिकाओं को बढ़ाती है। जिससे कैंसर का खतरा भी बढ़ता है।
रिफाइंड खाना
मैदा सहित अन्य रिफाइंड प्रोडक्ट्स कैंसर का कारक होते हैं। इसे बनाने की प्रक्रिया में कई कार्सिनोजेनिक तत्व निकलते हैं। इसके अलावा इसे सफेद रंग देने के लिए उसे क्लोरीन गैस से गुजारा जाता है, जो कैंसर का कारण बनता है। जो लोग अधिक मात्रा में रिफाइंड प्रोडक्ट्स का यूज करते हैं, उनमें ओवरी, स्तन और एंडोमेट्रियल (गर्भाशय) कैंसर का अधिक खतरा होता है।
पैक्ड और फ्रोजन फूड
पैक्ड और फ्रोजन फूड का चलन आजकल बहुत बढ़ता जा रहा है, लेकिन ऐसे फूड आइटम को लंबे समय तक कोल्डस्टोरेज में रखा जाता है और उनपर केमिकल की परत चढ़ी ही रहती है। इसकी वजह से कैंसर का खतरा बढ़ता है, इसलिए इन्हें खाने से बचना चाहिए।
वनस्पति तेल
वनस्पति तेल हमारे शरीर के लिए हानिकारक होता है। इसमें हाइड्रोजेनेटेड ऑयल मिलाया जाता है, जो कैंसर का बड़ा कारण होता है। ये महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर का भी एक मुख्य कारण है। इसमें ट्रांस-फैट्स भी काफी मात्रा में होता है। जो मोटापा बढ़ाते हैं और मोटापे से कैंसर का खतरा बढ़ता है।
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