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पढ़िए एक मां के त्याग और जज्बे की कहानी, पति के शहीद होने के 23 साल बाद बेटे को बनाया आर्मी ऑफिसर
हिसार(हरियाणा). कहते हैं कि अगर जज्बा और जूनुन हो तो आपके सारे ख्वाब पूरे हो जाते हैं। इस कहावत को पूरा कर दिखाया एक शहीद की पत्नी सुशीला यादव ने, जिन्होंने त्याग और हौसले से अपने बेटे को भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट ऑफिसर बना दिया है। 23 साल पहले जब उनके पति के शहीद हुए तो उन्होंने अपने मन में एक ही बात ठानी थी वो बेटे को भी देश की रक्षा करने के लिए तैयार करेंगी। आज उन्होंने ऐसा कर दिखाया, जहां उनका लाल मनोज इंडियन आर्मी में अधिकारी बन गया है।
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हिसार जिले के जीतपुरा गांव के रहने वाले मनोज कुमार यादव शनिवार को देहरादून स्थित मिलिट्री अकादमी में लेफ्टिनेंट बन गए हैं। उन्हें अपनी पहली पोस्टिंग पिता शहीद चंद्र सिंह की रेजिमेंट 317 फील्ड आर्टलरी में मिली है।
बता दें कि सुशीला के पति चंद्र सिंह आर्मी में लांस नायक थे, वह 7 जुलाई 1997 को शहीद हो गए थे। उस दौरान उनका बेटा मनोज सिर्फ दो साल का था। सुशीला ने बताया कि पति का सपना था कि उनका बेटा भी उनकी ही तरह आर्मी में जाकर देश की सेवा करे। इसके लिए मैंने मनोज की सारी पढ़ाई आर्मी स्कूल में करवाई। मैंने इस दौरान कई तरह की परेशानियों का सामना किया, बस मैं यही चाहती थी किस तरह अपने पति के सपने को पूरा कर सकूं। आज मेरे बेटे ने वो कमाल कर भी दिखाया।
वहीं सेना में लेफ्टिनेंट बनने के बाद मनोज ने कहा-मेरी मां ने मेरे लिए जो बलिदान किया है उसको मैं कभी नहीं भूल सकता हूं। उन्होंने जिस तरह से मेरी परवरिश की है, मुझको कभी लगा ही नहीं कि पिता का साया नहीं है।
यह सैनिक भी हरियाणा के पाकस्मा गांव के रहने वाले हैं जो आपस में चचेरे भाई हैं। आकाश व अभिजीत शनिवार भारतीय सैन्य अकादमी में पासिंग आउट परेड के बाद भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट बन गए। दोनों ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि उनके दादा का सपना था कि वह देश की रक्षा के लिए सेना में जाएं और देश की सेवा करें।
यह हैं पंकज किन्हा जो इंडियन आर्मी में लेफ्टिनेंट पद पर चयनित हुए हैं। पंकज हरियाणा के संतोखपुरा के रहने वाले हैं। उनके पिता कप्तान सिंह बतौर सूबेदार मेरठ में देश के लिए अपनी सेवाएं दे रहे हैं।