- Home
- States
- Haryana
- 11 साल की उम्र में काटना पड़ा पैर, बिना पांव के 10 बार जीता मिस्टर इंडिया खिताब, फोटो देख होंगे हैरान
11 साल की उम्र में काटना पड़ा पैर, बिना पांव के 10 बार जीता मिस्टर इंडिया खिताब, फोटो देख होंगे हैरान
सोनीपत (हरियाणा). कहते हैं कि मंजिल उन्हीं को मिलती है, जिनके सपनों में जान होती है, पंख से कुछ नहीं होता..हौसलों से उड़ान होती है। इन मोटिवेशनल शायरी को सच कर दिखाया है हरियाणा के मोहित ने, जिन्होंने एक पैर नहीं होने के बावजूद भी अपनी हिम्मत नहीं हारी ओर इतिहास रच दिया। वह कई बॉडी बिल्डर्स चैंपियनशिप जीत चुके हैं। उन्होंने देश ही नहीं विदेश लेवल पर भी बॉडी बिल्डिंग में कई खिताब अपने नाम किए हैं। आज वह लाखों लोगों के मिसाल बन गए हैं। हाल ही में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने उनकी तारीफ की है। साथ ही ट्वीट कर लिखा-सोनीपत के बेटे मोहित का हौसला समाज के लिए प्रेरणादायी है। आइए जानते हैं इस होनहार बेटे के बारे में...
- FB
- TW
- Linkdin
दरअसल, मोहित सोनीपत के रहने वाले हैं, उनकी जिंदगी संघर्ष से भरी है। महज 11 साल की उम्र में मोहत को बोन कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी ने घेर लिया था। फिर भी उन्होंने अपना हौंसला नहीं खोया। जब कैंसर उनके शरीर में फैलने लगा तो एक पैर काटना पड़ा। बता दें कि मोहित बचपन से ही बॉडी बिल्डिंग अपना करियर बनाना चाहता था। लेकिन एक पैर नहीं होने से घरवालों ने तक मना कर दिया। उन्होंने अपना बॉडी बिल्डिंग के सपने का नहीं छोड़ा।
जब मोहित का एक पैर डॉक्टरों ने काटा तो परिजन दुखी हो गए। लेकिन मोहित ने हिम्मत हारने की बजाए एक पैर की दम पर दिन रात मेहनत करने लगा। उन्होंने एक पैर पर ही चलने की प्रैक्टिस की। फिर साल 2010 में मोहित ने कृत्रिम पैर लगवाया, लेकिन फिसलने से वह भी गंवा दिया। इसके बाद उन्होंने सोचा अब तो एक ही पैर की दम पर मुकाम हासिल करूंगा।
मोहित ने फिर स्टेट लेवल की बॉडी बिल्डिंग चैंपियनशिप में हिस्सा लेना शुरू कर दिया। इस दौरान उन्होंने नेशनल चैंपियनशिप में तीन गोल्ड, दो सिल्वर और दो ब्रॉन्ज मेडल जीते। इस दौरान मोहित के सोशल मीडिया उकाऊंट के मुताबिक वह अब तक 10 बार मिस्टर इंडिया रह चुके हैं।
मोहित को लोग मैन ऑफ इंस्पिरेशन कहते हैं। मोहित अक्सर मीडिया में कहते हैं कि जिंदगी का नाम कुछ अलग करने का है। वह भी जब आपकी जिंदगी में कठिन करने का मौका मिले। मोहित का ये जज्बा जिंदगी में कभी हार न मानने की प्रेरणा देता है।
मेंस दिव्यांग कैटेगरी में देश में कई खिताब जीत चुके मोहित का अगला टारगेट मिस्टर यूनिवर्स बनना है। जिसके लिए वह दिन रात मेहनत भी कर रहे हैं।