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- 7 महीने में गांव के छोरे ने पलट दी किस्मत, मिली दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी में नौकरी, 'सैलरी 2 करोड़'
7 महीने में गांव के छोरे ने पलट दी किस्मत, मिली दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी में नौकरी, 'सैलरी 2 करोड़'
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ऐसे मिली दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी में जॉब
दरअसल, जितेंद्र मूल रूप से चरखी दादरी के समसपुर गांव के रहने वाले हैं। जितेंद्र के पिता रणवीर फोगाट अंग्रेजी के हेडमास्टर के पद से हाल ही में रिटायर हुए हैं। जिन्होंने बताया कि गूगल में नौकरी के लिए करीब 7 महीने पहले अप्लाई किया था। हाल ही में उन्होंने अमेरिका स्थित गूगल ऑफिस ज्वाइन भी कर लिया है।
7 महीने की मेहनत रंग लाई
जितेंद्र ने बताया कि मेरा स्कूल लाइफ से ही सपना था कि मैं गूगल में नौकरी करूं। आज मेरा सालों का वह सपना पूरा हो गया। वह भी इतने अच्छे पैकेज के साथ। जितेन्द्र ने अपनी सफलता का श्रेय अपने गुरुजनों, परिवार और दोस्तों को दिया। उन्होंने बताया कि इसके लिए मैंने 7 महीने तक दिन रात डटकर तैयारी की और उसके बाद कंपनी में आवेदन किया।
गांव से पढ़ाई के बाद पहुंचा अमेरिका
जितेन्द्र ने स्कूल तक की पढ़ाई अपने गृह जिले चरखी दादरी के केन स्कूल से की है। इसके बाद लिंगायत यूनिवर्सिटी से इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्यूनिकेशन में बीटेक की और फिर इंफोसिस कंपनी के चंडीगढ़ ऑफिस में कुछ समय नौकरी भी की।
हायर एजुकेशन के लिए गया अमेरिका
बता दें कि जितेंद्र हायर एजुकेशन के लिए वह अमेरिका चला गया। इसके बाद वह यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सास चला गया, जहां उसने गूगल में नौकरी पाने के लिए रोजाना आठ घंटे की मेहनत कर इंटरव्यू की तैयारी की। (प्रतीकात्मक फोटो)