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घर से 'तड़ीपार' ये सहेलियां महारानियों-सी जिंदगी चाहती थीं और बन गईं 'ठग्स ऑफ हिंदोस्तान'
जींद, हरियाणा. इन लड़कियों की भोली सूरत पर मत जाइए! ये रियल 'ठग्स ऑफ हिंदोस्तान' हैं। अक्षय कुमार की 'Special 26' फिल्म की तर्ज पर ये दोनों बुधवार को जींद के एक ज्वैलर्स के यहां इनकम टैक्स ऑफिसर बनकर रेड डालते पकड़ीं गईं इन लेडी ठग के बारे में कई चौंकाने वाली जानकारियां सामने आ रही हैं। ये पक्की सहेलियां हैं। दोनों ने BBA पास करने के बाद जिंदगी में कुछ खास करने का प्लान बनाया था। लेकिन ठग्स बनेंगी, ऐसा इनके परिजनों ने भी नहीं सोचा था। लिहाजा परिजनों ने इनसे किनारा कर लिया। महारानियों की तरह ऐशो-आराम की जिंदगी गुजारने की ख्वाहिश के चलते इन्होंने अपराध की दुनिया में कदम रख लिया। दोनों ने दिल्ली के एक कॉल सेंटर में जॉब की। लेकिन इस कॉल सेंटर का मालिक भी बिना मेहनत के खूब पैसा बनाना चाहता था। तीनों ने मिलकर ठगी का रास्ता अपनाया। हालांकि ज्वैलर्स की सूझबूझ से दोनों लड़कियां पकड़ में आ गईं। बता दें कि इन लड़कियों ने गहनों के रिकॉर्ड में हेरफेर का हवाला देकर मामला रफा-दफा करने ज्वलैर्स से 1.50 लाख रुपए मांगे थे। पढ़िए आगे की कहानी...
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पहले जानें इन लड़कियों ने कैसे डाली थी रेड...
ये लड़कियां बुधवार रात सर्राफा बाजार पहुंची थीं। यहां रवि ज्वैलरी शोरूम पर खुद को इनकम टैक्स ऑफिसर बताकर गहनों का रिकॉर्ड न होने और कागजों की जांच के बाद व्यापारी के खिलाफ कार्रवाई करने की धमकी दी थी। इसके बाद वह मामले को रफादफा करने के एवज में 1.50 लाख रुपए की डिमांड की थी। ज्वैलर्स रवि कुमार ने बताया कि एक ने खुद को इनकम टैक्स विभाग का सहायक कमिश्नर तो दूसरी ने इंस्पेक्टर बताया। कहने लगीं कि वह दिल्ली से यहां आई हैं। उन्होंने शटर को बंद करवा दिया और दुकान में लगे सीसीटीवी को भी बंद करने के लिए कहा गया। जैसे ही युवतियों ने कहा-अगर आप डेढ़ लाख रुपए दे देते हो तो हम कोई कार्रवाई नहीं करेंगे और मामला भी शांत हो जाएगा। बस इसी बात पर व्यपारी को शक हुआ और उसने अपने भाई को फोन कर पूरा मामला बताया। भाई ने फिर पुलिस को इसकी सूचना दी। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर दोनों युवतियों को हिरासत में लिया।
इन लड़कियों की पहचान श्वेता वर्मा निवासी दिल्ली और दूसरी स्वाति सांगवान निवासी कैथल के रूप में हुई। पकड़े जाने पर भी लड़कियां खुद को इनकम टैक्स ऑफिसर बताती रहीं। उन्होंने अपने गिरोह के सरगना कॉल सेंटर मालिक से भी बात कराई थी।
हालांकि पुलिस की सख्ती के आगे वे ज्यादा झूठ नहीं बोल सकीं। उन्होंने स्वीकार कर लिया कि वे फर्जी आईडी कार्ड के जरिये शॉप पर ठगी करने पहुंची थीं।
पुलिस की पड़ताल में सामने आया है कि स्वाति के पिता कैथल में बिजली निगम में जेई हैं। यह डेढ़ साल पहले घर छोड़कर निकल आई थी। उसके पास परिजनों से कोई संपर्क नहीं किया।
डीएसपी जितेंद्र सिंह ने बताया कि आशंका है कि ये लड़कियां किसी बड़े गिरोह का एक मोहरा मात्र हैं। इस गिरोह ने पहले भी कई ठगी की हैं।