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जिंदगी की भागदौड़ से टूट गया प्रोफेसर का परिवार, पति की सुसाइड के बाद 2 बेटियों सहित पत्नी टैंक में कूदी
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पुलिस देर रात तक मीनाक्षी और छोटी बेटी की तलाश में टैंक में सर्च करती रही। मीनाक्षी की स्कूटी जलघर के पास खड़ी मिली। उधर, पुलिस को डॉ. प्रमोद की कार से एक सुसाइड नोट मिला। इसमें उन्होंने लिखा कि वे जिंदगी की भागदौड़ से परेशान हो चुके हैं। भगवान ही उनकी मौत का जिम्मेदार है। किसी दूसरे को इसके लिए जिम्मेदार न ठहराया जाए। सुसाइड नोट में मृतक ने लिखा कि उनकी बेटी उनका नाम रोशन करेगी।
डॉ. प्रमोद मूलत: राजस्थान के राजगढ़ जिले के रहने वाले थे। मीनाक्षी हरियाणा के चरखीदादरी के सांगवान से थीं। मीनाक्षी काहनौर के सरकारी स्कूल में बायोलॉजी की लेक्चरर थीं।
पुलिस की शुरुआती जांच में सामने आया है कि डॉ. प्रमोद बुधवार को अपनी कार से गुरुग्राम के एसजीटी अस्पताल में एग्जाम लेने गए थे। लौटते हुए वो कन्हेली के पास सेक्टर-36 में पहुंचे। वहीं रुककर उन्होंने सल्फास की गोलियां खाईं। उन्होंने पीजीआई में अपने मित्र डॉक्टर को फोन करके इस बारे में बताया भी था। जब प्रमोद के परिचित और दोस्त घटनास्थल पर पहुंचे, तो वे बेहोश मिले।
बड़ी बेटी रोशन ने बताया कि पापा की मौत के बाद मम्मी पागलों-जैसी हरकतें करने लगी थीं। वे उसे और छोटी बहन को स्कूटी पर लेकर टैंक के पास पहुंचीं और कूद गईं। परिजनों के मुताबिक, प्रमोद खुशमिजाज आदमी थे। हालांकि पिछले दिनों उनके भाई की मौत हो गई थी। इसके बाद से वे दुखी थे।
पुलिस को दम्पती के बीच भी किसी प्रकार की कोई कलह की जानकारी नहीं मिली। अचानक हंसते-खेलते हुए परिवार में ऐसा क्या हुआ, जो इतनी बड़ी घटना की वजह बन गया, पहेली बना हुआ है।