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घर में पड़े-पड़े 82 किलो की हो गई ये महिला, पक्का मन करके शुरू किया वर्कआउट और 9 महीने में घटाया 23 Kg वजन
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आज हम इस फिटनेस जर्नी में मुदिता यादव की स्टोरी बता रहे हैं। जिन्होंने फिट होने के लिए जी तोड़ मेहनत की। मुदिता ने ऐसा फिगर पाया जिसका लोग सिर्फ सपना ही देखते हैं। समय की कमी हो या फिर काम का प्रेशर इन्होंने न तो वर्कआउट करना छोड़ा और न ही रनिंग। 38 साल की मुदिता इतनी ज्यादा फिट हो गई हैं कि कई बार लोग इनकी उम्र से धोखा खा जाते हैं। एक कंपनी में सीनियर मैनेजर के तौर पर काम करने वाली मुदिता सुपरफिट होकर अब 25 साल की दिखती हैं।
मुदिता के मुताबिक जब इन्होंने वेट लॉस जर्नी शुरू की थी तब इनके लिए शुरुआती 2-3 महीने बेहद मुश्किल थे, क्योंकि रिजल्ट इतनी जल्दी दिखाई नहीं दिया। मगर फिर भी कड़ी महनत कर मुदिता ने अपनी कमर का साइज 36 इंच से घंटा कर 28 इंच कर लिया। अगर आप भी लंबे समय से अपना वजन कम करने की सोच रहे हैं तो मुदिता आपके लिए प्रेरणा बन सकती हैं। मुदिता की डाइट और रूटीन इतना आसान और घरेलू है कि इसे कोई भी फॉलो कर सकता है।
साल 2010 में जब मुदिता लंदन में थी जब उनका नजन काफी बढ़ गया था। क्योंकि लंदन में बहुत ज्यादा सर्दी होने की वजह वो घर में ही रहीं। इस दौरान उनका वजन काफी बढ़ चुका था। वो 80 किलो क्रॉस कर गईं तब उन्होंने वजन घटाने की सोच ली। मुदिता ने सबसे पहले ब्रिस्क वॉक करना शुरू किया, जिससे उन्हें 2-3 किलो वजन घटाने में मदद मिली। उसके बाद इंटरवल रनिंग शुरू की और फिर धीरे-धीरे पूरी तरह से रनिंग स्टार्ट की।
दोस्तों आपको बता दें कि कोई भी फिटनेस ट्रेनर हो वजन घटाने या फिट रहने के लिए आपको दौड़ने जरूर कहेगा। फॉस्ट वॉक करना और रनिंग दोनों ही शरीर को चुस्त-दुरुस्त रखते हैं।
मुदिता ने वर्कआउट के साथ एक अच्छी डाइट भी फॉलो की। उन्होंने अपनी डाइट साझा करते हुए बताया कि वो पूरा दिन क्या खाती-पीती थीं।
ब्रेकफास्ट: पालक या चुकंदर का रस। ब्लूबेरी और स्ट्रॉबेरी के साथ ओटमीन या फिर अंडे के साथ एवोकैडो टोस्ट। या कम शुगर लेवल वाले फल।
लंच: ऑलिव ऑइल में टॉस की हुई ग्रीन वेजिटेबल के साथ चिकन/पनीर/टोफू। (आप वेजिटेरियन हैं तो चिकन की जगह पनीर या टोफू का यूज कर सकते हैं)
स्नैक्स: ग्रीन टी या कॉफी (बिना शक्कर) के साथ मखाना या ड्राई फ्रूट्स
डिनर: चिकन/ग्रिल्ड फिश या ब्राउन राइस के साथ सब्जियां/टोफू
मोटापे की वजह से मुदिता के पीरियड्स (माहवारी) अक्सर दो से ढाई महीने लेट आते थे। मगर जब से उन्होंने फिटनेस के लिए रनिंग शुरू की तब से लेकर आज तक उनकी डेट इधर से उधर नहीं हुई। उन्होंने बताया कि '10 साल से मेरे मेडिकल का खर्चा सिर्फ 200 या 500 रुपया आया होगा और वो भी तब जब मुझे कभी बुखार आया होगा।' वजन घटाने से उनकी हेल्थ अच्छी हो गई और बीमारियां कोसों दूर भागने लगीं। एक स्वस्थ शरीर में यूं भी बीमारियां घर नहीं करतीं।
मुदिता ने बताया कि जब कभी उनका मोटिवेशन डाउन होता तो वो फेसबुक पर खुद को 100 डेज चैलेंज देती थीं, जिसमें उन्हें सौ दिनों तक शुगर, प्रिजर्वेटिव, जंक फूड और अल्कोहल जैसी चीजों से दूरी बना कर रखनी पड़ती थी। इसके अलावा इन्होंने बहुत से लोगों को अपने साथ इस चैलेंज में जोड़ना शुरू किया, जिससे इनकी जिम्मेदारी और बढ़ जाती थी।
मुदिता ने सोशल मीडिया पर Sisterhood नाम से एक हैशटैग शुरू किया है। जिसमें वह अपना डाइट प्लान फ्री ऑफ कॉस्ट महिलाओं के साथ शेयर करती हैं। वह यह सब फेम पाने के लिये नहीं बल्कि महिलाओं को फिटनेस के प्रति अवेयर करने के लिये करती हैं।
मुदिता बताती हैं कि यह वह समय है जब उन्होंने दूसरी बार अपना वजन घटाया है। फिटनेस के जरिए उन्होंने सीखा कि बॉडी में एक बैलेंस बना कर चलना चाहिए। दस साल में वह न सिर्फ फिट बल्कि बेस्ट बॉडी शेप में दिखना चाहती हैं।
मुदिता का मानना है कि अगर आपको फिट रहना है तो सबसे पहले डिसिप्लिन यानि अनुशासित होना सीखिए। ऐसा करने से न सिर्फ आप फिट रहेंगे बल्कि लोगों की नजरों में आपकी इज्जत और भी बढ़ जाएगी। उन्होंने महिलाओं की फिटनेस को लेकर भी बात कही कि काम काज के चक्कर में अपनी फिटनेस को नजर अंदाज न करें। एक हेल्दी लाइफस्टाइल अपना कर आप अपने बच्चों के अंदर फिटनेस के प्रति जागरुकता पैदा कर सकती हैं।