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सावधान: कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का कारण बनता है ये घी, ऐसे करें असली और नकली की पहचान
हेल्थ डेस्क : ज्यादातर घरों में दाल के तड़के से लेकर रोटी पर देसी घी (clarified butter) का इस्तेमाल किया जाता है। सेहत के लिहाज से भी इसे बहुत फायदेमंद माना जाता है, लेकिन बाजार से लेकर आए इस घी से आप बीमार भी हो सकते हैं। जी हां, अगर आप भी देसी घी खाने के शौकीन हैं, तो जरा संभल जाइए। इन दिनों बाजार में असली के नाम पर मिलावटी घी का कारोबार खूब फलफूल रहा है। असली घी की तरह दिखने वाला मिलावटी घी को लोग धड़ल्ले से बेच रहे हैं और कुछ लोग इसे फायदेमंद समझकर इसका सेवन भी कर रहे हैं। इस तरह के घी खाने से कैंसर जैसी कई घातक बीमारियां हो सकती हैं, तो चलिए आज जानते हैं नकली देसी घी के नुकसान के बारे में और आपको बताते है कि कैसे इसकी पहचान (fake ghee v/s original ghee) करें।
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देसी घी खाने के फायदों के बारे में तो हम सब जानते हैं, लेकिन क्या आप इससे होने वाले नुकसान के बारे नें जानते हैं? असली के नाम पर बाजार में मिलने वाला घी फायदा नहीं आपके शरीर को 10 गुना ज्यादा नुकसान पहुंचा सकता है।
(फोटो सोर्स- गूगल)
ऐसे में लोगों को घी खरीदते समय बेहद सावधानी बरतनी चाहिए। बता दें कि मिलावटी देसी घी तैयार करने के लिए 40 प्रतिशत रिफाइंड ऑयल और 60 प्रतिशत फार्चून वनस्पति को मिलाया जाता है। इसके अलावा उबला हुआ आलू और कोलतार डाई का भी उपयोग किया जाता है।
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कैडमियम एक रसायनिक यौगिक है, जो कि विषैले होते हैं। कई लोग नकली घी में कैडमियम भी मिलाते है, जिसके सेवन से कैंसर का खतरा हो सकता है। इससे महिलाओं में गर्भपात की शिकायत भी होती है। साथ ही पेट संबंधित परेशानी भी हो सकती है।
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देसी घी की पहचान के लिए हाथ को उल्टा इसको करके रगड़ें। अगर घी में दाने आएं तो समझ जाएं यह नकली है। असली घी स्किन में अब्जॉर्ब हो जाता है। यही पहचान का सबसे आसान तरीका है।
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एक चम्मच घी में चार-पांच बूंदें आयोडीन की मिलाएं। अगर रंग नीला हो जाता है तो घी के अंदर मिलावट है। इसमें रंग और टेक्सचर लाने के लिए उबले आलू का इस्तेमाल किया गया है।
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एक चम्मच घी में एक चम्मच हाइड्रोक्लोरिक एसिड और एक चुटकी चीनी मिलाएं। अगर घी का रंग लाल हो जाए तो इसमें डालडा की मिलावट की गई है।
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इसके अलावा थोड़ा घी हाथों में रगड़ें। इसे करीब 15 मिनट बाद सूंघकर देखें, अगर खुशबू आनी बंद हो जाए तो मान लीजिए कि यह मिलावटी घी है।
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100 मिली घी में फरफ्यूरल (Furfural) और हाइड्रोक्लोरिक एसिड और एल्कोहल मिलाकर मिक्स करें। दस मिनट बाद अगर इसका रंग लाल हो जाता है तो इसमें तिल्ली के तेल की मिलावट है।
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