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Pulse Polio 2022: हर बच्चे को जरूरी है ये 9 वैक्सीन लगवाना, पोलियो से लेकर कैंसर जैसी बीमारी से होगा बचाव
हेल्थ डेस्क: 27 फरवरी 2022 यानी कि रविवार को पोलियो राष्ट्रीय टीकाकरण अभियान (Pulse polio programme) का शुभारंभ होगा। जिसमें व्यापक तौर पर 27 फरवरी से लेकर 2 मार्च तक देश भर में नवजात से लेकर 5 साल तक के बच्चों को पोलियो की दवा पिलाई जाएगी। एक समय था जब भारत में पोलियो से पीड़ित कई बच्चे हुआ करते थे। लेकिन पिछले 28 सालों से पल्स पोलियो अभियान के तहत इस बीमारी पर काफी हद तक काबू पा लिया गया है। इसकी शुरुआत 2 अक्टूबर 1994 को 4000 पोलियो केंद्रों पर 12 लाख बच्चों को पोलियो टीकाकरण की दवा पिलाने से हुई थी। लेकिन बच्चों को सिर्फ पोलियो ही नहीं बल्कि पैदा होने से लेकर 15 साल की उम्र तक कुछ वैक्सीन (Vaccine) लगाने की जरूरत होती है। इसे लेकर Asianetnews Hindi ने पीडियाट्रिशियन डॉक्टर आशीष सोनी, भोपाल से बात की जिन्होंने हमें उन 9 वैक्सीन के बारे में बताया जो हर बच्चे को लगवाना जरूरी होता है...
| Published : Feb 26 2022, 04:07 PM IST / Updated: Feb 27 2022, 09:26 AM IST
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BCG का टीका
बैसिलस कैलमेट-गुएरिन या BCG वैक्सीनेशन बच्चे को पैदा होने से लेकर 24 घंटे के अंदर तक लगाया जाता है। यह पोलियो, टीबी जैसी बीमारियों से बच्चे को बचाता है। वैसे तो आमतौर पर इसके कोई साइड इफेक्ट नहीं होते है। लेकिन कई बच्चों को बुखार या इंजेक्शन वाली जगह पर दर्द हो सकता है। इसके साथ पीपीटी, पीलिया 'बी' और निमोनिया (हिब) के तीन टीके डेढ़, ढाई और साढ़े तीन माह में लगाए जाते हैं।
हेपेटाइटिस बी का टीका
हेपेटाइटिस बी दुनिया का सबसे आम लीवर इंफेक्शन है। यह हेपेटाइटिस बी वायरस (एचबीवी) के कारण होता है, जो लीवर पर हमला करता है और उसे डैमेज कर सकता है। इससे बचने के लिए बच्चे को पैदा होने के बाद से लेकर 24 घंटे के अंदर हेपेटाइटिस बी का टीका लगाया जाता है। जिसके चलते आगे जाकर कभी उसे लीवर इंफेक्शन होता है, तो यह गंभीर रूप नहीं लेता है।
OPV की ओरल डोज
oral poliovirus Vaccine या OPV बच्चों को पोलियो से बचाता है। यह पैदा होने से लेकर 5 साल तक बच्चे को पिलाया जा सकता है। लेकिन इसकी सबसे पहली डोज 15 दिन के अंदर, दूसरी डोज 6 हफ्ते फिर 10 हफ्ते इसके बाद 14 हफ्ते और 5 साल तक पिलाई जाती है। चूंकि, पोलियो बीमारी 2-5 साल तक के बच्चों को सबसे ज्यादा इफेक्ट करती है, इसलिए इसकी खुराक पिलाना बहुत जरूरी है।
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पेंटावेलैंट का टीका
बच्चों को पेंटावेलैंट वैक्सीन लगवाना बहुत जरूरी होता है। देश में करीब 72 हजार बच्चों की हर साल मौत हो जाती है। असमय मृत्यु से बच्चों को बचाने के लिए पेंटावेलैंट वैक्सीन लगाई जा रही है। इसकी तीन डोज बच्चों को दी जाती है। पहली खुराक 1 से 6 हफ्ते के बीच में दूसरी खुराक 2 से 10 हफ्ते के बीच में और तीसरी खुराक 13 से 14 हफ्ते के बीच में दी जाती है। इससे डिप्थीरिया, काली खांसी, टिटनेस, हेपेटाइटस-बी और हिब जैसी पांच जानलेवा बीमारियों से बच्चों का बचाया जा सकता है।
IPV का टीका
IPV (इनएक्टिवेटिड पोलियो वायरस वैक्सीन) पोलियो वैक्सीन - IPV1, IPV2, IPV3 वैक्सीन (Polio vaccine IPV) बच्चों को पोलियो के संक्रमण के खतरे से बचाता है। पोलियो से संक्रमित कुछ लोग में पोलियो फालिज (paralysis) का रूप लेता है। जिसमें बच्चा अपना हाथ और पैर उठाने में असमर्थ हो जाता है यहां तक की हमेशा के लिए अपंग भी हो जाते है, इसलिए इसकी वैक्सीन बच्चों को जरूर लगवाएं।
रोटावायरस
रोटावायरस एक दोहरे-स्ट्रैंड वाला RNA वायरस है जो रियोवायरस परिवार का है। रोटावायरस संक्रमण का सबसे सामान्य लक्षण है पतला दस्त। इसके कारण बुखार, पेट का दर्द और उल्टी भी हो सकती है। हर साल हजारों बच्चे इससे पीड़ित होते है। ऐसे में इससे बचने के लिए इसकी दो खुराक दी जाती हैं इसका पहला डोज 6 हफ्ते और दूसरा डोज 14 वीक या 1 साल के अंदर तक दिया जाता है, जो इस बीमारी से बच्चों को बचाता है।
PVC का टीका
PVC या न्यमोकोकल कॉन्जुगेट वैक्सीन बच्चों को निमोनिया से बचाने के लिए दी जाती है। एक रिपोर्ट के अनुसार निमोनिया से हर साल 10 लाख बच्चों की मृत्यु हो जाती है। इससे बचने के लिए बच्चों को PVC का टीका लगाया जाता है। जिसकी पहली डोज 6 हफ्ते, दूसरी डोस 14 हफ्ते और 9 महीने के बाद इसका एक बूस्टर डोज भी दिया जा सकता है। यह निमोनिया के अलावा, कुकर खांसी-काली खांसी इन सभी चीजों से बच्चों को बचाती है। इसका टीका लगाने से वैक्सीन लगने की जगह पर हल्का दर्द या हल्का बुखार हो सकता है।
MMR का टीका
एमएमआर का टीका बच्चों को सिंगल डोज में 9 महीने में दिया जाता है। इसकी बूस्टर डोज आप 4-5 साल में भी लगवा सकते हैं। यह बच्चों को खसरा, मंप्स और रूबेल इन तीनों बीमारियों से बचाता है। ये बीमारी हवा के जरिए एक इंसान से दूसरे इंसान में फैलती है।
HPV का टीका
एचपीवी का टीका 9 से 15 साल तक के टीनएजर बच्चों को दिया जाता है। बच्चों को 6 से 12 महीने के अंतराल पर एचपीवी टीके की दो खुराकें दी जानी चाहिए। HPV के टीके से असामान्य कोशिकाओं और कैंसर पैदा करने वाले लगभग सभी संक्रमणों की रोकथाम की जा सकती है। इसके साइड इफेक्ट्स में सुई लगने वाली जगह पर सूजन या लालिमा, हल्का बुखार हो सकता है।
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