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क्या होती है Intermittent Fasting? जानें किस तरह 4 हफ्तों में 5 किलो तक वजन कम करता है ये डाइट प्लान
हेल्थ डेस्क : आजकल की फिटनेस फ्रीक दुनिया में हर कोई स्लिम-ट्रिम और फिट दिखना चाहता है। इसके लिए लोग ना जानें क्या कुछ नहीं करते हैं। घंटो जिम में एक्सरसाइज और लंबे समय तक भूखे रहने जैसी चीजें वजन कम करने के लिए की जाती है। इन्हीं में से एक है इंटरमिटेंट फास्टिंग (Intermittent fasting) जो आजकल काफी ट्रेंड में है और इसके इफेक्ट्स भी जल्दी नजर आते हैं। इंटरमिटेंट फास्टिंग एक फूड प्लानिंग है। जिसमें रेगुलर टाइम पर फास्टिंग की जाती है और मील्स को स्कीप करके सिर्फ एक या दो बार खाना खाया जाता है। तो चलिए आज हम आपको बताते हैं Intermittent fasting के बारे में सबकुछ...
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Intermittent का मतलब रुक-रुक कर खाना खाना है। इस डाइट प्लान में लंबे समय तक भूखे रहकर मील स्किप करना शामिल होता है। जैसे कि कुछ लोग 12 घंटे के अंदर अपनी मील्स लेते है, तो कुछ लोग 14-16 घंटे बाद ही कुछ खाते हैं। आजकल वेट कम करने के लिए ये प्लान काफी इफेक्टिव माना जाता है।
इस डाइट प्लान के साथ, आप प्रतिदिन 16 घंटे उपवास रखते हैं। एक्सपर्ट्स की सलाह है कि आप अपना उपवास रात के खाने के बाद, लगभग 7-8 बजे शुरू करें, और अगले दिन दोपहर या 1 बजे के आसपास अपना उपवास तोड़ दें। यह सबसे अच्छा डाइट प्लान माना जाता है, क्योंकि खाना खाने के बाद आपको भूख लगने की संभावना कम होती है, जबकि 7 या 8 घंटे की नींद पूरी हो जाती है। अगले दिन दोपहर 1 बजे तक अपना उपवास तोड़कर ऐसा महसूस होगा कि आप देर से नाश्ता या ब्रंच कर रहे हैं।
इस तरह की Intermittent Fasting में सप्ताह में एक या दो दिन पूरे 24 घंटे उपवास करते है। इसका मतलब है कि यदि आप शनिवार को शाम 7 बजे से उपवास शुरू करते हैं, तो आप रविवार की शाम 7 बजे तक लिक्विड फूड के अलावा कुछ भी नहीं खाते हैं। इसमें आप सप्ताह के अन्य दिनों में सामान्य रूप से खाते हैं। यह शरीर के लिए एक नेचुरल डिटॉक्स थेरेपी है और पाचन तंत्र को हेल्दी और साफ रखता है।
उपवास के इस तरीके का मतलब है कि आप हर दूसरे दिन पूरे 24 घंटे उपवास करते हैं। इस IF डाइट प्लान में आपको 1 दिन में 500 कैलोरी तक खाने की अनुमति होती है।
पानी पीने के कई फायदे है, क्योंकि हमारा शरीर का 70 प्रतिशत हिस्सा पानी होता है और खासकर फास्टिंग के दौरान पानी पीने से आप हमेशा हाइड्रेटेड बने रहते हैं। यह न केवल स्किन में सुधार करेगा, बल्कि टॉक्सिक पदार्थों को बाहर निकालेगा और भूख को भी कम करेगा।
इंटरमिटेंट फास्टिंग कई बार चुनौतीपूर्ण हो सकता है। ऐसे में आप एकदम से खाना नहीं छोड़े बल्कि धीरे-धीरे करके रुक-रुक कर खाने की आदात डालें।
इंटरमिटेंट फास्टिंग के दौरान हार्ड कोर वर्क आउट करने से बचें। इस समय आप केवल लाइट एक्सरसाइज या कार्डियो कर सकते हैं। वर्क आउट करने से पहले आप नट्स या जूस का सेवन जरूर करें।
कुछ महिलाएं को अपनी डाइट और लाइफस्टाइल में बदलाव के कारण हार्मोन और अनियमित पीरियड की समस्या से परेशान हो जाती है। इन मामलों में यदि आप थकान महसूस करते हैं, चक्कर आते हैं, सिरदर्द होता है, तो पीरियड्स के दौरान इंटरमिटेंट फास्टिंग ना करें।
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