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Guru Pradosh Vrat 2022: 8 सितंबर को इस विधि से करें प्रदोष व्रत, जानें मुहूर्त, आरती और उपाय

उज्जैन. इस बार 8 सितंबर, गुरुवार को प्रदोष व्रत किया जाएगा। गुरुवार को होने से ये गुरु प्रदोष (Guru Pradosh Vrat 2022) कहलाएगा। गुरुवार को श्रवण नक्षत्र होने से ध्वज और धनिष्ठा होने से श्रीवत्स नाम के 2 शुभ योग बनेंगे। इसके अलावा सुकर्मा योग भी इस दिन रहेगा। इस तरह 3 शुभ योग होने से इस व्रत का महत्व और भी बढ़ जाएगा। इन शुभ योगों में शिव पूजा करने से हर तरह की परेशानी दूर हो सकती है। गुरु प्रदोष व्रत का शुभ मुहूर्त शाम 06:35 से रात 08:52 तक रहेगा। आगे जानिए प्रदोष व्रत की पूजा विधि व अन्य खास बातें… 

2 Min read
Manish Meharele
Published : Sep 08 2022, 05:45 AM IST
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- गुरुवार की सुबह जल्दी उठकर स्नान करने के बाद व्रत-पूजा का संकल्प लें। 
- इसके बाद शिवजी का अभिषेक शुद्ध जल से करें।
- इसके बाद पंचामृत से अभिषेक करें और दोबारा शुद्ध जल चढ़ाएं। 
- बिल्व पत्र, धतूरा, आंकड़ा, फूल, फल, भांग आदि चीजें शिवजी को चढ़ाएं। 
- ये सभी चीजें चढ़ाते समय ऊं नम: शिवायं मंत्र का जाप करते रहें। 
- इसके अपनी इच्छा अनुसार भोग लगाएं और आरती करें। 
 

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जय शिव ओंकारा ॐ जय शिव ओंकारा ।
ब्रह्मा विष्णु सदा शिव अर्द्धांगी धारा ॥
॥ ॐ जय शिव ओंकारा ॥  
एकानन चतुरानन पंचानन राजे ।
हंसानन गरुड़ासन वृषवाहन साजे ॥
॥ ॐ जय शिव ओंकारा॥
दो भुज चार चतुर्भुज दस भुज अति सोहे ।
त्रिगुण रूपनिरखता त्रिभुवन जन मोहे ॥
॥ ॐ जय शिव ओंकारा॥
अक्षमाला बनमाला रुण्डमाला धारी। 
चंदन मृगमद सोहै भाले शशिधारी ॥
॥ ॐ जय शिव ओंकारा॥
श्वेताम्बर पीताम्बर बाघम्बर अंगे ।
सनकादिक गरुणादिक भूतादिक संगे ॥
॥ ॐ जय शिव ओंकारा॥
कर के मध्य कमंडलु चक्र त्रिशूल धर्ता ।
जगकर्ता जगभर्ता जगसंहारकर्ता ॥
॥ ॐ जय शिव ओंकारा॥
ब्रह्मा विष्णु सदाशिव जानत अविवेका ।
प्रणवाक्षर मध्ये ये तीनों एका ॥
॥ ॐ जय शिव ओंकारा॥
काशी में विश्वनाथ विराजत नन्दी ब्रह्मचारी ।
नित उठि भोग लगावत महिमा अति भारी ॥
॥ ॐ जय शिव ओंकारा॥
त्रिगुण शिवजीकी आरती जो कोई नर गावे ।
कहत शिवानन्द स्वामी मनवांछित फल पावे ॥
॥ ॐ जय शिव ओंकारा॥
 

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1. गुरु प्रदोष के शुभ योग में रुद्राभिषेक करने से आपकी हर परेशानी दूर हो सकती है। ये कार्य किसी योग्य पंडित से करवाएं।
2. गुरु प्रदोष पर शिवजी पूजा करते समय चावल जरूर चढ़ाएं। शिवपुराण के अनुसार, ऐसा करने से धन लाभ के योग बनते हैं।
3. भगवान शिव के 108 नामों का जाप प्रदोष व्रत में करने से आपकी हर परेशानी दूर हो सकती है।
4. शिवजी की पूजा करने के बाद दक्षिण दिशा में चौमुखी दीपक लगाएं। इससे अकाल मृत्यु का भय दूर होता है।
 

About the Author

MM
Manish Meharele
मनीष मेहरेले। मीडिया जगत में इनके पास 19 साल से ज्यादा का अनुभव है। वर्तमान समय में ये एशियानेट न्यूज हिंदी के साथ जुड़कर धर्म-आध्यात्म बीट पर काम कर रहे हैं। करियर की शुरुआत इन्होंने स्थानीय अखबार दैनिक अवंतिका से की थी। इसके बाद वह दैनिक भास्कर प्रिंट उज्जैन में वाणिज्य डेस्क प्रभारी रहे और 2010-2019 तक दैनिक भास्कर डिजिटल में धर्म डेस्क पर काम किया। इन्हें महाभारत, रामायण जैसे धार्मिक ग्रंथों का अच्छा ज्ञान है। इनके पास जीव विज्ञान में बीएससी स्नातक की डिग्री है।

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