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कुंडली में उच्च के ग्रह भी कभी-कभी देने लगते हैं अशुभ फल, जानिए क्या हो सकता है इसका कारण
उज्जैन. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जब जन्म कुंडली में कोई ग्रह उच्च का होता है तो व्यक्ति को उससे संबंधित सभी शुभ फल मिलते हैं, जबकि नीच का ग्रह जीवन पर नकारात्मक प्रभाव डालता है। कई बार देखने में आता है कि कोई ग्रह उच्च का होते हुए भी शुभ फल नहीं दे पाता। ऐसा तब होता है जब व्यक्ति उस ग्रह से संबंधित विपरीत काम करने लगता है। जानिए वह कौन-सी बातें हैं जो आपके शुभ ग्रह को भी अशुभ बना देती हैं…
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बुध
यदि किसी व्यक्ति की जन्म कुंडली में बुध उच्च का हो और वह अपनी बहन, पुत्री, कन्या, बुआ या किसी देवी का निरादर करता है तो उसका उच्च का बुध नीच के बुध जैसा प्रभाव दिखाने लगता है।
चंद्र
उच्च चंद्र वाला व्यक्ति यदि परिवार की या अन्य महिलाओं का अपमान करता है तो उच्च का चंद्र शुभ परिणाम नहीं देता।
गुरु
उच्च बृहस्पति वाला व्यक्ति यदि किसी ब्राह्मण, देवता, अपने दादा, पिता का निरादर करता है तो बृहस्पति का शुभ प्रभाव उसके जीवन से सदा के लिए नष्ट हो जाता है और उसे कई संकटों का सामना करना पड़ता है।
मंगल
उच्च मंगल वाला व्यक्ति यदि अपने मित्र या भाई के साथ विश्वासघात करता है तो उच्च मंगल होने का कोई लाभ नहीं। ऐसा मंगल जातक के जीवन में उथल-पुथल मचा सकता है।
शनि
उच्च शनि वाला व्यक्ति यदि मांस, मछली, अंडा, शराब आदि का सेवन करे या फिर अपने ताउजी, चाचा को अपमानित करता है तो उच्च का शनि नीच के शनि जैसा प्रभाव उसके जीवन में दिखाने लगता है।
शुक्र
उच्च के शुक्र वाला व्यक्ति यदि किसी गाय को सताए या फिर स्त्रियों का अपमान करें, अपनी पत्नी को कष्ट दे तो उच्च का शुक्र होने का कोई लाभ नहीं होता। ऐसा जातक भौतिक सुखों से वंचित हो जाता है।
सूर्य
जिस व्यक्ति की कुंडली में सूर्य उच्च का होता है वह यदि अपने पिता या पिता के समान अन्य लोगों का और अपने गुरु का अपमान करता है, उनकी सेवा नहीं करता उसका सूर्य नीच का फल देने लगता है।