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Holi 2022: चुकंदर से लेकर हल्दी और बेसन से बनाएं होली के नेचुरल कलर, स्किन पर नहीं होगा कोई नुकसान
लाइफस्टाइल डेस्क: होली (Holi 2022) का त्योहार बस कुछ ही दिनों में आने वाला है। इस बार होलिका दहन 17 मार्च 2022 को होगा। उसके बाद 18 मार्च को होली खेली जाएगी। होली खेलना तो लोगों को बहुत पसंद होता है, लेकिन कैमिकल वाले रंगों (Chemical colours) से स्किन खराब हो जाती है। जिसके बाद पार्लर या स्किन स्पेशलिस्ट के पास जाकर आपको हजारों रुपए खर्च करने पड़ सकते हैं। बाजार में मिलने वाले कलरों के नेचुरल होने की कोई गारंटी नहीं होती है। ऐसे में आज हम आपको बताते हैं, घर में ही लाल-पीला, हरा और अन्य रंग (home made natural colour) बनाने के तरीका...

लाल
लाल रंग बनाने के लिए आप हिबिस्कस (गुड़हल) या लाल गुलाब, चुकंदर को उबालकर इसका नेचुरल कलर बना सकते हैं। इसके अलावा सूखा रंग बनाने के लिए सूखे फूलों या चुकंदर को सुखाकर पीसकर महीन पाउडर बना लें। पाउडर की मात्रा बढ़ाने के लिए आप आटा या चावल के आटे का उपयोग कर सकते हैं।
पीला
गेंदे की पंखुड़ियों को उबालकर पीला रंग लाया जा सकता है। इसके अलावा सूखे रंग के लिए हल्दी पाउडर को बेसन या चावल के आटे में मिलाकर पीला रंग बनाया जा सकता है।
नीला
नीला रंग बनाने के लिए जकरंदा या किसी अन्य नीले फूल जैसे- नीले गुड़ह को उबालकर या इसे सुखाकर पीसकर पाउडर और गीला रंग बनाया जा सकता है।
ऑरेंज
हरा रंग सागौन (पलाश), जेटुका के पत्ते (मेंहदी) आदि का उपयोग करके नारंगी रंग तैयार किया जा सकता है।
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गुलाबी
होली के लिए गुलाबी रंग बनाने के लिए गुलाब, रोज पेरिविंकल (नयनतारा) या गोधुली गोपाल का इस्तेमाल किया जा सकता है। पानी में बारीक कटे हुए चुकंदर को मिलाकर या पानी में प्याज के छिलकों को उबालकर भी गुलाबी रंग तैयार किया जा सकता है।
हरा
हरी पत्तेदार सब्जियों जैसे पालक, सरसों का साग (लाई), धनिया (धनिया) आदि को पानी में उबालकर हरा रंग तैयार किया जा सकता है। नीम के पत्ते या औषधीय गुणों वाले अन्य प्रकार के हरे पत्तों से भी हरा रंग बनाया जा सकता है।
भूरा
कॉफी पाउडर को पानी में ब्राउन होने तक उबालें। एक बार जब यह ठंडा हो जाए, तो अपने हाथों से कॉर्न फ्लोर के साथ भूरे रंग का पानी मिलाएं और इसे एक दिन के लिए सूखने के लिए छोड़ दें। फिर इसे कई बार छान लें। आप खुशबू के लिए थोड़ा सा गुलाब जल भी मिला सकते हैं।
अन्य रंग
होली के लिए प्राकृतिक रंग बनाने के लिए भारतीय आंवले, टर्मिनलिया चेबुला (हिलिखा), बेरी (जामुन) आदि का भी उपयोग किया जा सकता है। तो इस होली, कैमिकल युक्त रंगों को ना कहें और प्राकृतिक घरेलू रंगों से होली खेलें।