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पापा को बेटे का आखिरी दुलार : मासूम ने मां की गोद से पिता को दी अंतिम विदाई, देखने वाले भी रोने लगे
गुना : मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) के गुना (Guna) में शनिवार का दिन इमोशनल करने वाला था। शिकारियों की फायरिंग में शहीद हुए आरोन पुलिस थाने के एसआई राजकुमार जाटव, आरक्षक नीरज भार्गव और संतराम की जब अंतिम विदाई की बेला आई तो हर किसी की पलकें भीगी हुई थी। आंसुओं की धार सैलाब बन गई और बस जय-जयकार होती रही। राजकीय सम्मान के साथ आखिरी सलामी दी गई। जहां-जहां से पार्थिव देह गुजरा हर कोई नतमस्तक हो गया। श्रद्धांजलि अर्पित कर भावुक होता रहा। इस बीच एक ऐसा पल भी आया जब हर कोई फफक पड़ा। कलेजा ठिठुर गया। पल था श्योपुर में संतराम रावत के अंतिम संस्कार का। आठ महीने के मासूम बेटे ने मां की गोद से शहीद पिता का पैर छूआ तो कलेजा कांप गया। शहीदों की अंतिम विदाई की इमोशनल करने वाली तस्वीरें...
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शनिवार को जब संतराम का पार्थिव देह तिरंगे में लिपटकर उनके घर श्योपुर पहुंचा तो नमन से वहां खड़े सिर झुक गए। मां की गोद में बैठा आठ महीने का मासूम पिता के देह के पास पहुंचा और पैर छूकर अंतिम विदाई दी। इस दृश्य को देख वहां मौजूद हर आंखें छलक गईं। वीरपुर तहसील के गोहर गांव के रहने वाले संतराम के शहीद होने की खबर मिलने के बाद से ही पत्नी वर्षा बेसुध हैं। मां विद्या बाई के आंसू नहीं रुक रहे। दोनों शहीद का पार्थिव देह छोड़ने को तैयार नहीं थी।
जिसने भी यह दृश्य देखा उसका कलेजा भर आया। हर कोई भगवान को कोसता नजर आया कि आखिर इस नन्हें बच्चे का क्या कसूर। शहीद संतराम मीणा के पिता श्रीनिवास मीणा किसान हैं। उनके दो भाई इंडियन आर्मी में हैं। भारतीय सेना में और तीसरा सरकारी शिक्षक हैं। संतराम की आठ साल पहले ही पुलिस में भर्ती हुई थी। शहीद आरक्षक के भाई ने शिवराज सरकार से बदले के साथ शहीद की पत्नी के लिए सरकारी नौकरी की मांग की है।
दूसरी तरफ नीरज भार्गव की पार्थिव देह भी उनके घर गुना के सिसौदिया कॉलोनी पहुंचा तो हर दिशा चित्कार से भर गई। गार्ड ऑफ ऑनर से अंतिम विदाई दी गई। घर से मुक्तिधाम तक जयकारे लगते रहे। 12 साल के बेटे वंश ने पिता को मुखाग्नि दी। बताया जा रहा है कि नीरज की पत्नी छह महीने की प्रेग्नेंट हैं। वो अस्पताल में हैं, उन्हें अभी इसकी जानकारी भी नहीं दी गई है कि उनके पति अब इस दुनिया में नहीं रहे। शुक्रवार को नीरज ने पत्नी की सोनोग्राफी कराने अस्पताल पहुंचे थे तभी उन्हें ड्यूटी पर बुलावा आ गया। लेकिन फिर उनके शहीद होने की खबर आई। शहीद नीरज भार्गव के पिता की भी ऑन ड्यूटी हार्ट अटैक से मौत हुई थी।
एसआई राजकुमार जाटव के घर भी शोक की लहर फैली है। शनिवार दोपहर अशोकनगर पार्थिव देह पहुंचा तो सम्मान में दुकानों के शटर गिर पड़े। हर कोई उनके पार्थिव देह के पीछे-पीछे दोड़ने लगा। गार्ड ऑफ ऑनर के अंतिम विदाई दी गई। डेढ़ साल के बेटे राजदीप ने जब शहीद पिता को मुखाग्नि दी तो वहां मौजूद हर आंखे नम थीं। भाई ने बताया कि शुक्रवार रात 9 बजे राजकुमार ने वीडियो कॉल पर बेटे से बात की थी। उनकी शादी को अभी तीन साल हुए हैं। साल 2019 में ही उनकी शादी हुई थी। पति की शहादत की खबर के बाद से ही पत्नी होश खो बैठी हैं।
बता दें कि गुना जिले के आरोन इलाके में शनिवार सुबह 3 से 4 बजे के बीच की बात है। SI राजकुमार जाटव, आरक्षक नीरज भार्गव और आरक्षक संतराम को पता लगा कि बदमाश काला हिरण का शिकार कर अपने साथ ले जा रहे हैं। इसी दौरान जब पुलिसवालों ने इन्हें रोकना चाहा और इनकी घेराबंदी शुरू कर दी। लेकिन बदमाश भागते हुए शहरोक के जंगल में जाते हुए दिखे। पुलिस को देखते ही शिकारियों ने पुलिसकर्मियों पर गोली चला दी। पुलिस और शिकारियों के बीच हुईं भिडंत में तीन जांबाज जवानों की मौत हो गई।
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