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पलक झपकते ढह गया दो मंजिला मकान, 20 घंटे से मलबे में दबा है 1 साल का बच्चा..पढ़िए लोगों की आपबीती
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दरअसल, यह मकान जर्जर हालत में था, बारिश होने से नींव कमजोर हो गई और वह भरभराकर गिर गया। इस बिल्डिंग में ऑटो चालक जाकिर शेख और उसका परिवार रहता था। हादसे के वक्त घर में सिर्फ महिलाएं और बच्चे थे, जबकि पुरुष काम पर गए हुए थे। जिस वक्त हादसा हुआ उस दौरान कोई खाना बना रहा था तो कोई अपने बच्चे को दूध पिला रहा था, अचान 4: 30 पर आवाज आई और मकान जमींदोज हो गया। (फोटो दैनिक भास्कर)
जो अभी तक मलबे में दबे हुए हैं उनमें 16 साल का रेहान, उसके चचेरी बहन सिमरन और बुआ का का मासूम बेटा आहिल। बताया जाता है कि सिमरन के पास मोबाइल फोन है, जिस पर उसके भाई फैजल ने बात की है। इस बातचीत में दबे लोगों को परिवार ने कहा हिम्मत रखना, घबराना नहीं, तुमको बाहर निकाल लिया जाएगा। सिमरन ने कहा-भाई आहिल बहुत रो रहा है..वह मेरी गोद में है, इसके बाद संपर्क टूट गया।
घर के मुखिया जाकिर शेख की पत्नी अंजुम भी इस हादसे का शिकार हुई थीं, उन्होंने बताया कि जिस वक्त मकान गिरा में चाय बना रही थी, हम सभी घरवाले आपस में बात करते हुए हंसी मजाक कर रहे थे, इसी दौरान अचानक मकान गिरने लगा। हम बाहर भी नहीं निकल सके और मलबे में दब गए। कुछ देर बाद देखा था तो मेरा हाथ पिलर के नीचे दबा था और सिर के ऊपर मिट्टी पड़ी हुई थी। धन्यवाद रेस्कयू टीम का जिन्होंने समय रहते हुए हम लोगों को निकाल लिया।
जिस वक्त मकान गिरा में मोबाइल चला रही थी, इसी दौरान छत हिलने लगा और एक पिलर मेरे ऊपर आकर गिर गया। किसी तरह में वहां से भागी और बाहर आ गई। लेकिन मेरी बड़ी बहन अक्शा नहीं निकल पाई और दब गई। इस भयानका हदासे की शिकार हुई जाकिर शेख की बेटी अलीशा ने बताया कि खुदा की वजह से अभी तक किसी की जान नहीं गई है, जब मकान गिरा तो ऐसा लग रहा था कि शायद हम नहीं बच पाएंगे। लेकिन प्रशासन ने सूझ बूझ से हम लोगों को निकाल लिया। उम्मीद है बाकी के लोग भी सुरक्षित निकल जाएंगे।
मलबे से बाहर निकाले गए परिवार के सदस्य जाकिर शेख ने कहा- मकान गिरने के पांच मिनट पहले ही अंदर गया था, पहली मंजिल पर पहंचा और मकान गिर गया। मैं एक तरफ था, शायद इसलिए जल्दी निकाल लिया गया। मेरे हाथ में चोट आई है, बाकी के लोगों को ज्यादा चोट लगी हुई है।
बता दें कि शाम पांच बजे से शुरू हुआ रेस्क्यू देर रात तक चला। नगर निगम कमिश्नर विशालसिंह चौहान और ट्रैफिक डीएसपी किरण शर्मा ने रेस्क्यू की कमान संभाल रखी थी। कलेक्टर चंद्रमौली शुक्ला और एसपी डॉ. शिवदयाल सिंह ने भी पहुंचे। तीन क्रेन, पांच जेसीबी, होम गार्ड की टीम रेस्क्यू कर रही है।
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि यह तीन मंजिला इमारत थी और यहा 3 भाइयों की थी और वे अपने परिवारों के साथ इसमें रहते थे।
हादसे के बाद स्थानीय लोगों ने भी मदद की। इससे रेस्कयू ऑपरेशन में पुलिस और अन्य टीम को काफी मदद मिली।
घटना पर ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी भी ट्वीट किया कहा- देवास जिले में तीन मंजिला भवन के ढह जाने से मलबे के नीचे कई लोगों के फंसे होने की जानकारी प्राप्त हुई। ईश्वर की कृपा से 9 लोगों को बचा लिया गया एवं उन्हें किसी प्रकार की गम्भीर चोट नहीं आई है। मैं बाकी घायल लोगों के भी शीघ्र स्वास्थ लाभ की कामना करता हूँ।