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बच्चों की जिदंगी बर्बाद होते नहीं देख सकता...इंजीनियर पति-पत्नी ने किया सुसाइड, फिर बेटा-बेटी का काटा गला
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दरअसल, यह सनसनीखेज घटना राजधानी के मिसरोद थाना क्षेत्र की है। शनिवार सुबह पेशे से सिविल इंजिनीयर रवि ठाकरे (55) ने पत्नी रंजना (50) के साथ मिलकर जहर खा लिया। इसके बाद बेटा और बेटी का टाइल्स कटर से गला काट दिया। घटना के बाद पत्नी रंजना अपने पड़ोसी अजय अरेरा के घर पहुंची, जहां उसने पूरा मामला बताया। अजय ने फौरन पुलिस को बुलाया।
घटना की सूचना मिलते ही मिसरोद थाना प्रभारी प्रभारी निरंजन शर्मा, SP साईं कृष्णा, ASP राजेश भदौरिया, SDOP अमित मिश्रा सहित तमाम अफसर मौके पर पहुंचे। इसके बाद पूरे परिवार को हमीदिया अस्पताल में भर्ती कराया गया। लेकिन इंजीनियर और बेटे चिराग (16) की मौत हो गई है। बेटी गुंजन और पत्नी जिंदगी और मौत के बीच जूझ रही हैं।
पुलिस को एक सुसाइड नोट मिला। रवि ठाकरे ने अपनी दर्दभरी कहानी बयां की है। रवि गोविंदापुरा में एक निजी फर्म में जॉब करता था। लेकिन लॉकडाउन की वजह से उसकी नौकरी चली गई। पत्नी ब्यूटी पार्लर चलाती थीं, उसका काम भी बंद पड़ा था। परिवार के पास जो भी जमा पूंजी थी उसे वह 8 महीनों में खर्च कर चुके थे। रवि के पास इतना पैसा नहीं बचा था कि वह बच्चों का पेट पाल पाता। वह तनाव में चल रहा था। इतना ही नहीं, दोनों ने पड़ोसियों से बात करना तक बंद कर दिया था।
रवि ठाकरे ने अपने सुसाइड नोट में लिखा- मैं अपनी जिंदगी चलाने में असमर्थ हूं। पहले सब अच्छा चल रहा था, लेकिन लॉकडाउन के बाद से सब बदल गया। ना मेरे पास कोई नौकरी है, ना ही परिवार पालने के लिए कोई पैसा। मेरे पास कोई प्रॉपट्री भी नहीं है जिसे बेचकर जीवन यापन कर सकूं। अब समझ नहीं पा रहा हूं क्या करूं, क्या ना करूं। मेरी पत्नी और मैं मानसिक रूप से खाली हो चुके हैं। भविष्य में केवल अंधेरा ही अंधेरा दिख रहा है। पढ़िए आगे का सुसाइड नोट...
रवि ठाकरे ने आगे लिखा- नौकरी क्या चली गई मेरे साथ-साथ बच्चों की जिंदगी भी बर्बाद हो रही है। उनको ना तो कपड़े दिलवा सकता हूं और ना ही उनकी स्कूल फीस भरपा रहा हूं। पूरी तरह से मानसिक रूप से बेकार हो गया हूं। एक मकान जैसे तैसे करके लिया था, अब उसका लोन भी नहीं भर पा रहा हूं। इसलिए अपने साथ परिवार की जिंदगी भी खत्म कर रहा हूं। हमारी आत्महत्या में किसी का कोई हाथ नहीं है। सभी से निवेदन है कि हमसे कोई गलती हुई हो तो प्लीज हमे माफ करना।