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MP में बारिश से तबाही: प्रार्थना करने 'बाढ़ वाले गणेश मंदिर' पहुंचे CM शिवराज, चमत्कारिक है यह मंदिर
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विदिशा के 'बाढ़ वाले गणेश' मंदिर में सीएम शिवराज ने पत्नी के साथ बप्पा के दर्शन किए और पूजन कर प्रदेश को कोरोना और भारी बारिश से उत्पन्न हालात से निजात दिलाने की प्रार्थना की। मुख्यमंत्री ने मंदिर में आयोजित भंडारे में सर्वप्रथम सपत्नीक कन्याओं का पूजन किया तथा उन्हें भोजन कराया। फिर उनके पैर छूकर प्रार्थना की कि प्रदेश में बाढ़ जल्दी उतरे तथा हर व्यक्ति सुरक्षित रहे।
बता दें कि विदिशा के 'बाढ़ वाले गणेश मंदिर' के नाम के पीछे की भी एक अनोखी कहानी है। स्थानीय लोगों के मुताबिक, यहां पर बच्चों ने सालों पहले गणेश उत्सव के दौरान भगवान गणेश की प्रतिमा की स्थापना की थी। लेकिन बारिश की वजह से नदी में बाढ़ आ गई और गणेश पंडाल डूब गया था। जब तीन दिन बाद नदी का पानी उतरा तो देखा कि गणेश की प्रतिमा ज्यों की त्यों थी। जरा सा भी कुछ नहीं हुआ था, लोग इसको भगवान का चमत्कार मानने लगे और दर्शन करने वालों की भीड़ लगने लगी। इसी दौरान दर्शन करने के लिए सीएम शिवराज सिंह की पत्नी साधना सिंह खुद वहां पहुंची थीं। तब उन्होंने इस मूर्ति को चमत्कारी बताते हुए यहां मंदिर बनाने की बात कही थी।
सीएम शिवरजार के पूरे परिवार की इस मंदिर में गहरी आस्था है, साल 2010 में मुख्यमंत्री के निर्देश पर यहां एक मंदिर भी बनवाया गया। तभी से इस मंदिर का नाम बाढ़ वाले गणेश रखा गया था। बता दें कि इस मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा करने के लिए खुद सीएम शिवराज सिंह चौहान पहुंचे थे।
सीएम शिवराज ने मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के समय सबसे ऊंचे शिखर पर ध्वज और कलश चढ़ाया था। तभी से वह यहां साल में एक बार अपने परिवार के साथ 'बाढ़ वाले गणेशजी' में दर्शन करने के लिए जाते हैं, यहां आकर सीएम कन्याओं का भोज भी कराते हैं। साथ ही ध्वज और कलश चढ़ाते हैं।
मुख्यमंत्री निवास पर भगवान श्री गणेश जी की आरती करते हुए सीएम शिवराज सिंह चौहान और साथ में उनकी पत्नी साधना सिंह।