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PM मोदी के स्वागत में दुल्हन सी सजी उज्जैन नगरी: तस्वीरों में देखिए महाकाल की नई छटा...जिसने देखा-देखता रह गया
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ऐसा भव्य सजा कि एक बार देखने के बाद नजरें हटती नहीं
इस महाकाल कॉरीडोर को इतने भव्य तरीके से बनाया गया है कि इसे एक बार देखने के बाद नजरें हटती नहीं है। यहां पत्थरों का गुलाबी रंग, झिलमिलाता ब्लू पानी और ऊंची-ऊंची मूर्तियों के असंख्य रंग भक्तों को निहारने के लिए मजबूर कर देता है। जानकारों का मानना है कि इस कॉरिडोर के बनने से उज्जैन शहर में महाकाल के भक्तों की संख्या दोगुनी हो जाएगी। दिव्यता, भव्यता और आध्यात्मिकता के इस संगम ने 4 साल की मेहनत के बाद आकार लिया है।
शिप्रा तट पर दीप प्रज्वलित भी करेंगे भी करेंगे पीएम मोदी
मध्य प्रदेश प्रशासन के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 11 अक्टूबर को शाम 5.30 बजे उज्जैन आएंगे। वह पहले श्री महाकालेश्वर मंदिर पहुंचकर भगवान महाकाल का पूजन-अभिषेक करेंगे। इसके बाद श्री महाकाल कॉरिडोर के प्रथम चरण का लोकार्पण करने पहुंचेगे। यहां से सभा स्थल जाने के दौरान प्रधानमंत्री का मार्ग शिप्रा तट के समीप से होने के कारण वे शिप्रा तट पर मां शिप्रा को पुष्प अर्पित कर दीप प्रज्वलित भी करेंगे।
108 अलंकृत स्तंभ बिखेर रहे एतिहासिक छटा
महाकाल कॉरीडोर में दो भव्य प्रवेश द्वार तैयार किए गए हैं।, नक्काशीदार बलुआ पत्थरों से बने 108 अलंकृत स्तंभ बनाए गए हैं। वहीं फव्वारों और शिव पुराण की कहानियों को दर्शाने वाले 50 से ज्यादा भित्ति चित्रों का एक पैनल 'महाकाल लोक' की शोभा बढ़ा रहा है।
दुल्हन सी सजकर तैयार है उज्जैन नगरी
बता दें कि महाकाल लोक के लोकार्पण के लिए पूरे उज्जैन शहर को सजाया गया है। सड़कों पर दोनों और कई पौधे और गमल रखे गए हैं। इसके लिए तीन हजार से ज्यादा पौधे इंदौर से उज्जैन भेजे गए हैं। इसके अलावा सड़क पर भगवा पताकाएं और एलईडी लाइट लगाई गई हैं। इंदौर से लेकर उज्जैन मार्ग का पेचर्वक कर कर दिया गया है। पूरा उज्जैन शहर रंग-रोगन और लाइटों से नहाया हुआ लग रहा है।
भारत के सबसे बड़े कॉरिडोर में से एक है महाकाल लोक
उज्जैन नगरी में बना यह महाकाल लोक भारत में बने सबसे बड़े कॉरिडोर में से एक है। यह कॉरिडोर 900 मीटर से अधिक लंबा है।
जिसे पुरानी रुद्रसागर झील के चारों तरफ बनाया गया है। इसमें राजसी द्वार - नंदी द्वार और पिनाकी द्वार बनाया गया है। साथ ही जो गलियारे बनाए गए हैं वो इसके सौंदर्य के दृश्य दर्शाते हैं।
महाकाल लोक को घूमने में लगेगा 4 से 5 घंटे का वक्त
पूरे महाकाल लोक में 15 हजार टन राजस्थानी पत्थर लगाया गया है। ये महाकाल लोक काशी विश्वनाथ कॉरिडोर से 4 गुना बड़ा है। अभी इसका पहला ही चरण बना है। जबकि दूसरे चरण का काम पूरा होने के बाद यह 9 गुना बड़ा हो जाएगा। इस पूरे कैंपस को घूमने और दर्शन के लिए 4 से 5 घंटे का वक्त लगता है।
महाकाल लोक में लगे पौथे हैदराबाद से मंगवाए गए
इस महाकाल लोक में शमी, बेलपत्र, नीम, पीपल, रुद्राक्ष और वटवृक्ष भी रोपे गए हैं। यह विशेष पौधे हैदराबाद से मंगाए गए थे। महाकाल लोक के बनने के बाद यह एकमात्र ऐसा मंदिर हैं जहां श्रद्धालु दर्शन के साथ शिव से जुड़ी हर कहानी जान सकते हैं। यही कारण है कि इसे कहानी के अनुसार डिजाइन किया गया है।
पूरे प्रोजेक्ट पर करीब 750 करोड़ रुपये खर्च होंगे
कॉरिडोर के किनारे-किनारे भगवान शिव की विशाल मूर्तियां लगाई गईं है। बताया जा रहा है कि काशी विश्वनाथ कॉरिडोर से चार गुना बड़ा महाकाल कॉरिडोर है। इस पूरे प्रोजेक्ट पर करीब 750 करोड़ रुपये खर्च होंगे। पूरा मंदिर परिसर दो हेक्टेयर में है। फिलहाल पहले चरण का काम पूरा हो गया है। जिसका लोकार्पण करने पीएम मोदी उज्जैन आएंगे। महाकाल कॉरिडोर की लंबाई 920 मीटर है। इसका निर्माण कार्य 2019 में शुरू हुआ था।
पब्लिक सिक्योरिटी का इंतजाम
यहां त्रिशूल-शैली के डिजाइन वाले 108 स्तंभों पर CCTV कैमरे और पब्लिक एड्रेस सिस्टम(PA system) को सामंजस्यपूर्ण रूप से शामिल किया गया है। जनता के लिए कॉरिडोर खुलने के बाद भीड़ के मैनेजमेंट के लिए घोषणाएं करने और भक्ति गीत बजाने के लिए पीए सिस्टम(एक इलेक्ट्रॉनिक प्रणाली जिसमें माइक्रोफोन, एम्पलीफायर, लाउडस्पीकर और संबंधित उपकरण शामिल हैं) का उपयोग किया जाएगा। साथ ही मंदिर कॉरिडोर परिसर में सुरक्षा व्यवस्था पर नजर रखने के लिए इंटीग्रेटेड कंट्रोल एंड कमांड सेंटर बनाया गया है।
2017 में शुरू हुआ था प्रोजेक्ट
मध्य प्रदेश सरकार के सूत्रों ने कहा कि 2017 में शुरू हुई महत्वाकांक्षी परियोजना का उद्देश्य प्राचीन मंदिर वास्तुकला के उपयोग के माध्यम से आगंतुकों को सभी सुविधाएं प्रदान करते हुए और लेटेस्ट टेक्नोलॉजी का उपयोग करके उज्जैन के ऐतिहासिक शहर के प्राचीन गौरव पर जोर देते हुए इसकी भौतिक और कल्चर वैल्यू को फिर से जागृत करना है।