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ये है MP टॉपर कर्णिका: पिता की मौत के बाद भूखे रहकर की पढ़ाई..10वीं टॉप करके किया उनका सपना पूरा
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दरअसल, कर्णिका मिश्रा राजधानी भोपाल के अशोका गार्डन सेमरा में रहती है, वह यहां के प्राइवेट स्कूल में पढ़ाई करती है। टॉपर कर्णिका का उसके स्कूल में स्वागत सम्मान किया गया। जहां इस कार्यक्रम मंत्री विश्वास सारंग भी उसको बधाई देने के लिए पहुंचे। बता दें कि कर्णिका का अगला लक्षय एमपी पीएससी पास करना है। जिसके लिए उसने अभी से तैयारी करना शुरू कर दी है।
बता दें कि कर्णिका के परिवार की आर्थिक हालत अच्छी नहीं है। पांच साल पहले पिता की एक सड़क हादसे में मौत हो गई। जिसके बाद मां ने ही मां ने सबकुछ संभाला। कर्णिका ने बताया कि गरीबी के चलते उसने कई बार भूखे पेट तक पढ़ाई की है। जिसका परिणाम आज सब लोगों के सामने है।
कर्णिका ने बताया कि पिता की मौत के बाद मां ने जॉब करके मुझको पढ़ाया, मेरी मम्मी सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक ड्यूटी पर रहती हैं। उनके वेतन से जो भी आता है, सबसे पहले वह मेरी पढ़ाई पर खर्च करती हैं, इसके बाद पैसे का कुछ करती हैं। कर्णिका सबकी ही चहेती रही है, स्कूल प्रबंधन और ट्यूशन के टीचर ने भी उसकी फीस माफ कर दी।
कर्णिका सम्मान के दौरान बताया कि वह रोजाना सुबह से शाम तक 3 से 4 घंटे नियमित पढ़ाई करती थी। इतना ही नहीं वो परीक्षा के समय भी इतना ही पढ़ा करती थी, उसने बताया कि उसकी मां और नानी उसक कभी भी पढ़ाई के लिए कभी भी प्रेशर नहीं डाला। वह दोनों अक्सर मुझको कहते थे बस चिंता मत करना सब अच्छा ही होगा।
इस बार परीक्षार्थी प्रथम श्रेणी में, 215162 परीक्षार्थी, द्वितीय श्रेणी में एवं 2922 परीक्षार्थी, तृतीय श्रेणी में उत्तीर्ण हुए। इस प्रकार कुल 560474 परीक्षार्थी परीक्षा में सफल हुए हैं जिनका परीक्षाफल 62.84% रहा है। 108448 परीक्षार्थियों ने पूरक की पात्रता प्राप्त की है। जिन 15 छात्रों ने पहला स्थान हासिल किया है। इसमें सबसे ज्यादा 5 छात्र गुना के हैं।
साल 2020 के परिणामों में 100 प्रतिशत अंकों के साथ 15 छात्र टॉपर बने हैं। इतिहास रचने वाले इन छात्रों से तीन स्टूडेंट गुना जिले के हैं। बता दें कि प्रदेश बेटियों ने दसवीं की परीक्षा में बाजी मारी है। 60.59 फीसदी छात्र पास हुए, जबकि छात्राओं के पास होने में ये प्रतिशत 65.87 दर्ज किया है।
10वीं के इन परिणामों में सबसे बेहतर प्रदर्शन नीमच जिले का रहा है। जिले में दसवीं का रिजल्ट 79.13 प्रतिशत रहा, जबकि दूसरे नंबर 78 प्रतिशत के साथ देवास जिला है। वहीं तीसरे स्थान पर 73.02 फीसदी के साथ शाजापुर और चौथे स्थान पर उज्जैन है।