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ज्योतिरादित्य सिंधिया के महल में चोरी, रानीमहल तक जा घुसे चोर...सोने-चांदी की हैं दीवारें
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शुरूआती जांच में सामने आया है कि 'जय विलास पैलेस' में चोरों ने छत के रास्ते से एंट्री ली थी। जो पैलेस की रानी महल में स्थित रियासतकालीन बैंक में घुस गए। यह बैंक आजादी के पहले महाराजा सिंधिया द्वारा संचालित किया जाता था।बताया जाता है कि वह यहां से कुछ पैसे और गहने चुरकार भी ले गए हैं। मामले की जांच अभी पुलिस कर रही हैं, चोरी कितने की हुई यह है इसकी जानकारी पुलिस ने भी नहीं शेयर की है।
महाराजा कहे जाने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया की वैसे तो दिल्ली, मुंबई और दूसरे अन्य शहरों में करोड़ों की कई प्रॉपर्टी है, लेकिन ग्वालियर बना उनका जयविलास पैलेस पुश्तैनी घर है। जो 1240771 वर्ग फीट में बना हुआ है, जिसे माधवराव सिंधिया ने 1874 में बनवाया था। उस वक्त इसके निर्माण पर एक करोड़ खर्चा आया था। आज के समय में इसकी कीमत अरबों में आंकी जाती है।
बता दें कि जय विलास महल में 400 कमरे हैं। जिसमें से 40 कमरों में म्यूज़ियम चल रहा है। महल की के कमरों की दीवारों पर सोने-चांदी की दीवारों की परत चढ़ी हुई है। वहीं 3500 किलो का तो एक झूमर ही लगा है। यह महल यूरोपीय आर्किटेक्ट से बना हुआ है। जिसे ब्रिटिश आर्किटेक्ट सर माइकल फिलॉस ने डिजाइन किया है।
बताया जाता है कि इस महल का निमार्ण भी दिलचस्प है। गुलामी के दौर में जब इंग्लैंड के शासक एडवर्ड-VII भारत के दौरे पर आने वाले थे, उस दौरान उनके रुकने और स्वागत के लिए जयविलास पैलेस का निर्माण कराया गया था।
जय विलास पैलेस महल में बने म्यूज़ियम में औरंगजेब और शाहजहां की तलवार भी रखी हुई हैं। इसके साथ ही देश विदेश की कई शानदार कलाकृतियां भी हैं। जिन्हें देखने के लिए देश विदेश के टूरिस्ट आते हैं। अब इस महल की देखरेख एमपी टूरिस्ट विभाग करता है।
इस शाही महल में बना डाइनिंग हॉल बेहद ही बड़ा और सुंदर है। जिसमें कई सारे टेबल हैं और इन टेबल पर चांदी की ट्रेन लगाई हुई है जो कि खाना परोसने के लिए इस्तेमाल की जाती है। पैलेस की सुदंरता और भव्यता देखते ही बनतीं है। यहां राज घराने से जुड़ी बेहद ही सुंदर चीजे रखी गई हैं। आज भी यहां सिंधिया परिवार के लोग खाना खाने के लिए आते हैं।