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डॉ. राहत इंदौरी के जनाजे में उनके दीवानों की भीड़ रोकने जब पुलिस को देनी पड़ी चेतावनी-खबरदार, जो कानून तोड़ा
इंदौर, मध्य प्रदेश. दुनियाभर में अपने शेर और शायरी के जरिये हिंदुस्तान का नाम रोशन करने वाले डॉ. राहत इंदौरी को मंगलवार देर रात खजरानी कब्रिस्तान में सुपुर्दे खाक कर दिया गया। उन्हें आखिरी विदाई देने उनके दीवाने कब्रिस्तान में आने को बैचेन थे, लेकिन कोरोना संक्रमण की आशंका के मद्देनजर पुलिस को सख्ती दिखानी पड़ी। पुलिस ने सिर्फ 30 लोगों को पीपीई किट पहनकर कब्रिस्तान आने की अनुमति दी। पुलिस को चेतावनी देनी पड़ी कि अगर भीड़ जुटी, तो धारा 144 के तहत कार्रवाई करनी पड़ेगी। यह पुलिस की मजबूरी थी। क्योंकि अगर ऐसा नहीं करती, तो हजारों लोग कब्रिस्तान में पहुंच सकते थे। बता दें कि डॉ. इंदौरी का मंगलवार शाम 5 बजे दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया था। उन्हें तबीयत खराब होने पर अरबिंदो अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उनकी कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। इस बीच उन्हें दोपहर में दिल का दौरा पड़ा था। दूसरा अटैक शाम को आया था। रात करीब साढ़े 10 बजे उन्हें सुपुर्दे खाक किया गया। इससे पहले पुलिस ने भीड़ को रोकने कब्रिस्तान के बाहर बेरिकेड्स लगा दिए थे। काजी रेहान फारुखी की मौजूदगी में जनाजे की नमाज पढ़ी गई।
| Published : Aug 12 2020, 09:51 AM IST / Updated: Aug 12 2020, 10:31 AM IST
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अपने परिवार के साथ चिरपरिचित मुस्कान के साथ डॉ. राहत इंदौरी।
राहत इंदौरी को इंदौर के खजराना स्थित कब्रिस्तान में सुपुर्दे खाक किया गया।
डॉ. राहत साहब को अंतिम विदाई देने पीपीई किट पहनकर लोग पहुंचे थे।
डॉ. राहत इंदौरी का मंगलवार को दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया था।
डॉ. राहत इंदौरी की एक पुरानी तस्वीर।