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Amarnath Flash Flood: श्रद्धालुओं की जान बचा रहे सेना के जवान, देखें बचाव अभियान की 10 ताजा तस्वीरें
श्रीनगर। अमरनाथ गुफा मंदिर (Amarnath cave shrine) के पास भारी बारिश के कारण अचानक आई बाढ़ में मरने वालों की संख्या शनिवार को बढ़कर 16 हो गई। कई लोगों के अब भी मलबे में दबे होने की आशंका है। सेना के जवान तलाशी अभियान चला रहे हैं। अधिकारियों ने कहा कि फंसे हुए 15,000 तीर्थयात्रियों को पंजतरणी के निचले आधार शिविर में पहुंचा दिया गया है। 25 घायलों को अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। लगभग 15,000 लोगों को अब तक सुरक्षित निकाल लिया गया है। कोई भी तीर्थयात्री ट्रैक पर नहीं बचा है। देखें बचाव अभियान की ताजा तस्वीरें...
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सेना के एक अधिकारी के अनुसार खोज और बचाव अभियान के लिए पर्वतीय बचाव दल, उच्च तकनीक वाले उपकरणों और खोजी कुत्तों के साथ गश्ती दल तैनात किए गए हैं।
शनिवार सुबह हवाई बचाव अभियान शुरू हुआ। सेना के हेलिकॉप्टरों से छह तीर्थयात्रियों को निकाला गया। बीएसएफ की एयर विंग के एक एमआई-17 हेलिकॉप्टर को बचाव अभियान में लगाया गया है। जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने भी बचाव कार्यों के लिए हेलिकॉप्टर तैनात किए हैं।
आईटीबीपी ने जवान पवित्र गुफा के निचले हिस्से से पंजतरणी तक सड़क खोलने में जुटे हैं। जम्मू-कश्मीर पुलिस के अतिरिक्त महानिदेशक, विजय कुमार सुरक्षा बलों और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल द्वारा चलाए जा रहे बचाव कार्यों की निगरानी के लिए शनिवार सुबह पवित्र गुफा मंदिर पहुंचे थे।
विजय कुमार ने कहा कि बचावकर्मी जीवित बचे लोगों की तलाश के लिए मलबा हटा रहे हैं। प्रशासन हताहतों की सही संख्या जानने के लिए तीर्थयात्रियों के आंकड़ों की जांच कर रहा है। आतंकी खतरों के कारण इस बार हर तीर्थयात्री को एक रेडियो फ्रीक्वेंसी पहचान पत्र प्रदान किया गया है।
हादसे से बचने वालों में तेलंगाना के भाजपा विधायक टी राजा सिंह भी शामिल थे। हेलिकॉप्टर से अमरनाथ पहुंचे विधायक और उनके परिवार के सदस्यों ने मौसम बिगड़ने पर वापस लौटते समय टट्टुओं की सवारी करने का फैसला किया था।
टी राजा सिंह ने कहा कि हमने महसूस किया कि मौसम अचानक खराब हो रहा है। उस स्थिति में हेलीकॉप्टर सेवा रद्द कर दी जाएगी। इसलिए हमलोग टट्टू की सवारी के लिए बढ़े। उसी समय पहाड़ियों पर तेज बारिश हुई। बाढ़ में कई तंबू बह गए।
प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस त्रासदी के बाद 30 जून से शुरू हुई वार्षिक तीर्थयात्रा को स्थगित कर दिया गया है। बचाव अभियान खत्म होने के बाद इसे फिर से शुरू करने पर फैसला लिया जाएगा।
भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) के प्रवक्ता ने कहा कि बाढ़ के कारण पवित्र गुफा तीर्थ क्षेत्र के पास फंसे अधिकांश तीर्थयात्रियों को पंजतरणी स्थानांतरित कर दिया गया है। निकासी तड़के 3.38 बजे तक जारी रही। कोई भी तीर्थयात्री ट्रैक पर नहीं बचा है। लगभग 15,000 लोगों को अब तक सुरक्षित निकाल लिया गया है।
बीएसएफ के प्रवक्ता ने कहा कि अर्धसैनिक बल के मेडिकल स्टाफ ने बाढ़ में गंभीर रूप से घायल नौ मरीजों का इलाज किया। उन्हें कम ऊंचाई वाले नीलग्राथ आधार शिविर में पहुंचाया गया।
तीर्थयात्रियों की सहायता के लिए नीलग्रथ हेलीपैड पर बीएसएफ जवानों की एक टीम को तैनात किया गया है। शुक्रवार रात पंजतरणी में स्थापित बीएसएफ शिविर में करीब 150 तीर्थयात्री रुके थे। शनिवार सुबह 15 मरीजों को एयरलिफ्ट कर बालटाल पहुंचाया गया।