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दिल्ली दंगे का एक साल: नालियों में पड़ी थी लाशें, भीड़ देखकर कांप उठती थीं महिलाएं, सबक देतीं कुछ तस्वीरें
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दिसंबर, 2019 में नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) पारित होने के बाद विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए थे। इसका मुसलमान विरोध कर रहे हैं। नई दिल्ली में प्रदर्शन के दौरान प्रदर्शनकारियों ने सुरक्षाबलों पर पथराव किया था।
CAA के विरोध में शाहीनबाग में प्रदर्शनकारियों ने सड़क अवरुद्ध कर दी थी। इसी बीच भीम आर्मी ने 23 फरवरी को भारत बंद का आह्वान किया था। तभी दंगे भड़क उठे।
11 मार्च, 2020 को बुद्धिजीवियों और शिक्षाविदों (जीआईए) के एक समूह ने ‘देल्ही रॉयट्स 2020: अ रिपोर्ट फ्रॉम ग्राउंड ज़ीरो–द शाहीन बाग मॉडल इन नॉर्थ-ईस्ट देल्ही: फ्रॉम धरना टू दंगा’ शीर्षक से 48 पन्नों की एक रिपोर्ट केंद्रीय गृहराज्य मंत्री जी किशन रेड्डी को सौंपी थी। इसमें उत्तर-पूर्वी हिंसा के लिए अर्बन-नक्सल जिहादी नेटवर्क को जिम्मेदार बताया था। हालांकि इसका विरोध भी हुआ था।
ट्रम्प जब भारत दौरे पर आने वाले थे, तब दिल्ली पुलिस ने केंद्रीय गृहमंत्री को अलर्ट किया था कि 25 फरवरी को पुलिस कंट्रोल रूम में 4000 कॉल आए थे। ये स्थानीय लोगों ने किए थे और दंगे की आशंका जताई थी।
इसी दंगे के बीच करावल नगर रोड स्थित आईबी अधिकारी अंकित शर्मा की लाश मिली थी। इस घटना ने दंगा और भड़का दिया था।
आईबी अधिकारी अंकित शर्मा की हत्या और दंगा भड़काने के इल्जाम में पुलिस ने आम आदमी पार्टी के पार्षद ताहिर हुसैन को पकड़ा था।
यह तस्वीर मीडिया की चर्चाओं में थी। उत्तर-पूर्वी दिल्ली हिंसा के दौरान पुलिसवाले पर रिवाल्वर तानने वाले शाहरुख को बाद में गिरफ्तार कर लिया गया था।
दिल्ली दंगे में 2221 पीड़ित सामने आए थे। बीते साल में दिल्ली सरकार ने इन्हें 26 करोड़ रुपए का मुआवजा बांटा।
दिल्ली के इतिहास में वर्ष, 2020 में हुआ दंगा एक गहरा जख्म है, जो लंबे समय तक दर्द देगा।
दंगाइयों ने लोगों की प्रॉपर्टी और वाहनों को इस तरह आग लगाकर नष्ट कर दिया था। दंगे में करोड़ों का नुकसान हुआ था।
नोट-सभी तस्वीरें अलग-अलग मीडिया हाउस ने अलग-अलग समय पर प्रकाशित की थीं