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कहीं उड़ गई छत तो कहीं उखड़ गए पेड़, प्लेन भी कांपने लगा...'अम्फान' तूफान के तबाही की देखिए तस्वीरें
कोलकाता/भुवनेश्वर. 21 साल बाद आए सबसे ताकतवर तूफान अम्फान ने ओडिशा और पश्चिम बंगाल के तटीय क्षेत्रों में भयंकर तबाही मचा रखी है। बुधवार को 165 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से अम्फान ने दोनों राज्यों को हिला कर रख दिया है। इससे अब तक कुल 15 लोगों की मौत की खबर सामने आई है। इस दौरान हुए प्रॉपर्टी को हुए नुकसान का अभी कोई अंदाजा ही नहीं है। चक्रवात की वजह से बड़ी संख्या में पेड़ और बिजली के खंभे उखड़ गए वहीं कच्चे मकानों को भी खासा नुकसान हुआ। पश्चिम बंगाल में 5500 मकानों को नुकसान पहुंचा है। देर रात तक दोनों राज्यों में जोरदार बारिश और तेज हवाओं का दौर चलता रहा। 21 साल के सबसे ताकतवर तूफान के कहर से बचने के लिए बंगाल में 5 लाख तो ओडिशा में 1.58 लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। बंगाल और ओडिशा से चक्रवात से हुए तबाही की कुछ तस्वीरें आई हैं देखिए...।
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ओडिशा के बालासोर जिले में अम्फान तूफान की वजह से सड़क पर पेड़ गिर गया। जिसे सड़क से हटाती एनडीआरएफ की टीम।
पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में अम्फान तूफान के बहुत नुकसान पहुंचाया। इस दौरान कई पेड़ उखड़ गए और सड़क पर गिर गए। बताया जा रहा है कि तूफान की वजह से बंगाल में एक दर्जन लोगों की मौत हुई है।
बंगाल में कोरोना का संकट अभी जारी है। वहीं, अम्फान तूफान ने लोगों को दोहरी मार दी है। एक मां अपने बच्चों को तूफान और बारिश के बीच सुरक्षित बचाकर ले जाती हुई। इस दौरान मां और बेटे मास्क लगाए हुए भी दिखें।
पश्चिम बंगाल के ईस्ट मिदनापुर के दीघा शहर में तूफान के दौरान सड़क का नजारा। यहां कई पेड़ गिर गए।
यह तस्वीर पश्चिम बंगाल के दीघा, ईस्ट मिदनापुर की है। तूफान के बाद सड़क पर गिरे पेड़ हटाती एनडीआरएफ की टीम।
अम्फान के तूफान को देखते हुए राहत कार्यों के लिए ओडिशा में 20 टीमें तो पश्चिम बंगाल में 19 यूनिट तैनात की गई हैं। जो अम्फान तूफान से प्रभावित लोगों को राहत देने में जुटे हुए हैं।
कोलकाता में 130 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवा
बंगाल में समुद्र तट से टकराने के वक्त तूफान की रफ्तार 180 किलोमीटर प्रति घंटे से ज्यादा पहुंच गई थी, जबकि कई घंटे बाद तक कोलकाता शहर में 130 किमी प्रति घंटे की तक की रफ्तार से हवाएं चलती रहीं। अम्फान का सबसे ज्यादा कहर प. बंगाल के उत्तर 24 परगना, दक्षिणी 24 परगना, मिदनापुर और कोलकाता में रहा।
पश्चिम बंगाल के ईस्ट मिदनापुर के दीघा शहर में तूफान के दौरान सड़क का नजारा। यहां कई पेड़ गिर गए।
कोलकाता एयरपोर्ट पर लोगों ने ऐसा पहली बार देखा अम्फान तूफान इतना तेज था कि 40-40 टन के जहाज भी थरथरा रहे थे। उनके पहियों के लिए चोक्स लगाए गए थे जिससे वे हवा में इधर-उधर हिलकर एक दूसरे को नुकसान न पहुंचा दें।
तूफान ने किसी को नहीं छोड़ा। उसके आगोश में जो आता गया उसे वह उजाड़ते हुए चला गया। कोलकाता में जगह-जगह पेड़ उखड़ गए हैं।
चक्रवात दोपहर में करीब ढाई बजे पश्चिम बंगाल में दीघा और बांग्लादेश में हटिया द्वीप के बीच तट पर पहुंचा। चक्रवात से तटीय क्षेत्रों में भारी तबाही हुई।
तूफान के आगोश में आने से हाबड़ा ब्रिज भी नहीं बच सका। तूफान ने यहां भी अपना तांडव मचाया है।
कितना बड़ा तूफान है?
देश में 21 साल के बाद कोई सुपर साइक्लोन आया है। 1999 में एक चक्रवात ओडिशा के तट से टकराया था। उसे साइक्लोन ओ5 बी या पारादीप साइक्लोन का नाम दिया गया था। जिसके बाद अब 2020 में सबसे बड़ा तूफान अम्फान आया है।
जोरदार बारिश के बाद कई इलाकों में पानी भर गया है। यह तस्वीर कोलकाता की है।
तूफान आने से पहले का दृश्य। बंगाल में समुद्र तट से टकराने के वक्त तूफान की रफ्तार 180 किलोमीटर प्रति घंटे से ज्यादा पहुंच गई थी।
तबाही के तूफान ने कई घरों को उजाड़ दिया है। तूफान के कम होने के बाद अपने उजड़ चुके घर का मंजर देखती महिला।
लोगों को राहत पहुंचाने के लिए एनडीआरएफ की टीमें लगातार काम कर रही हैं। एनडीआरएफ की टीम ने अब तक उड़ीसा और बंगाल के राज्यों में लगभग 7 लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है।
तूफान आने से पहले ओडिशा के समुंद्र किनारे की तस्वीरें। जब तूफान 160-185 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से आगे बढ़ रहा था।
तूफान कितना भयावह था इसका अंदाजा इस तस्वीर को देखकर लगाया जा सकता है।