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ट्रैक्टर परेड में हिंसा : गृह मंत्रालय में सुरक्षा के हालात पर हो रही बैठक; लाल किले से वापस लौटने लगे किसान
नई दिल्ली. कृषि कानूनों के खिलाफ गणतंत्र दिवस पर किसानों ने राजधानी में ट्रैक्टर मार्च निकाला। इस दौरान कई जगहों पर पुलिस और किसानों के बीच भिड़ंत हुई। इतना ही नहीं किसान संगठनों ने लाल किले पर पहुंचकर भी उत्पाद मचाया। इतना ही नहीं एक प्रदर्शनकारी ने तिरंगा फहराने वाले पोल पर खालसा पंथ और किसान संगठन का झंडा तक बांध दिया।
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टैक्टर परेड में हुई हिंसा के बाद गृह मंत्रालय में बैठक चल रही है। इसमें कई बड़े अधिकारी भी मौजूद हैं। दिल्ली में सुरक्षा के हालात को लेकर ये बैठक हो रही है। गृह मंत्री अमित शाह ने हिंसा को लेकर अधिकारियों से जानकारी ली। वहीं किसान भी सिंघु बॉर्डर वापस लौटने लगे हैं।
हिंसा को लेकर क्या कहा किसान संगठनों ने?
दिल्ली में हुई हिंसा को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा ने बयान जारी कर कहा, हमारे सभी प्रयास के बावजूद कुछ व्यक्तियों ने मार्ग का उल्लंघन किया और निंदनीय कार्यों में लिप्त रहे। इस मार्च में असामाजिक तत्वों ने घुसपैठ की, लेकिन आंदोलन शांतिपूर्ण रहा। हमने हमेशा कहा है कि शांत हमारी ताकत है और हिंसा ऐसे आंदोलन को नुकसान पहुंचाती है। हम उन घटनाओं की भी निंदा करते हैं जो आज हुई हैं और ऐसे कार्यों में लिप्त होने वाले लोगों से खुद को अलग कर लेते हैं।
उधर, हिंसा को लेकर सिंघु बॉर्डर, गाजीपुर बॉर्डर, टिकरी बॉर्डर, मुकरबा चौक और नांगलोई में इंटरनेट सेवा बंद को आज रात 12 बजे तक बंद कर दिया गया है।
लोग यूएस कैपिटल हिंसा से कर रहे तुलना
6 जनवरी को अमेरिका के वॉशिंगटन स्थित यूएस कैपिटल में हिंसा हुई थी। यह हिंसा ट्रम्प समर्थकों ने की थी। प्रदर्शनकारी अमेरिकी संसद में दाखिल हो गए थे। वहीं, ट्रैक्टर मार्च के दौरान प्रदर्शनकारी लालकिले में घुस गए। इतना ही नहीं यहां जिस पोल पर तिरंगा फहराया जाता है, उसकी जगह पर खालसा पंथ और किसान संगठन के झंडे फहराए गए। ऐसे में सोशल मीडिया पर लोग इस हिंसा की तुलना यूएस कैपिटल हिंसा से कर रहे हैं।
किसानों का दावा था कि मार्च शांतिपूर्ण तरीके से निकाला जाएगा। इसी के बाद पुलिस ने मार्च निकालने की अनुमति दी थी। लेकिन राजधानी में मार्च शुरू होने के बाद कई जगह हिंसा देखी गई। यहां तक की किसान तलवार लिए पुलिसकर्मियों को दौड़ाते हुए नजर आए। कई जगहों पर पुलिस के बैरिगेट भी तोड़ दिए गए। पुलिस को आंसू गैस के गोले भी दागने पड़े।