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वंदे भारत ट्रेन में PM मोदी ने किया सफर, खिड़की से छतों पर खड़े लोगों को हिलाया हाथ, पैसेंजर से खूब बतियाए
अहमदाबाद. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी(Prime Minister Narendra Modi) ने अपने दो दिनी (29 और 30 सितंबर) गुजरात के दौरे के दूसरे दिन गांधीनगर-मुंबई वंदे भारत एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाई। इसके बाद उन्होंने ट्रेन से यात्रा भी की। यह भारत की तीसरी वंदे भारत ट्रेन है। इसे नेक्स्ट जेनरेशन की ट्रेन कहा जा रहा है। वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन गुजरात और महाराष्ट्र के बीच चलेगी। रेल मंत्रालय ने अपने आफिसियल फेसबुक पेज पर वंदे भारत ट्रेन की कुछ फोटो शेयर करके लिखा था-वंदे भारत 2.0: गुजरात और महाराष्ट्र के लोगों की सेवा के लिए पूरी तरह तैयार। बहरहाल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गांधीनगर स्टेशन पर ट्रेन को हरी झंडी दिखाने के बाद उससे कालूपुर रेलवे स्टेशन तक यात्रा भी की। वंदे भारत एक्सप्रेस एक बेहतर और विमान यात्रा जैसा अनुभव प्रदान करती है। इस दौरान जब मोदी ने ट्रेन की खिड़की से घरों की छतों पर चढ़कर यह यह अद्भुत दृश्य देख रहे लोगों को हाथ हिलाकर हैलो किया, तो उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा। देखिए कुछ तस्वीरें...
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वंदे भारत ट्रेन में यात्रा का आनंद उठाते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बच्चों से खूब बातें कीं। इस दौरान उन्होंने बच्चों को हंसाया भी।
वंदे भारत ट्रेन की लॉन्चिंग से पहले PMO ने tweet किया था-पीएम नरेंद्र मोदी गांधीनगर से अहमदाबाद के लिए वंदे भारत एक्सप्रेस में सवार है। जीवन के विभिन्न क्षेत्रों के लोग, जिनमें रेलवे परिवार के लोग, महिला उद्यमी और युवा शामिल हैं, इस यात्रा में उनके सह-यात्री हैं।
वंदे भारत स्वदेशी रूप से विकसित ट्रेन टक्कर-रोधी प्रणाली- कवच सहित अत्याधुनिक सुरक्षा सुविधाओं से लैस है। सभी श्रेणियों में बैठने की सीटें हैं, जबकि एग्जीक्यूटिव कोच में 180 डिग्री घूमने वाली सीटों की अतिरिक्त सुविधा है।
वंदे भारत के प्रत्येक कोच में 32 इंच की स्क्रीन हैं, जो यात्रियों से संबंधित सूचना देने के साथ-साथ मनोरंजन भी करती हैं।
वंदे भारत एक्सप्रेस सबसे बहुप्रतीक्षित नव निर्मित सेमी-हाई स्पीड ट्रेन है। इस ट्रेन से पहले दो अन्य वंदे भारत दिल्ली-वाराणसी और नई दिल्ली-श्री माता वैष्णो देवी कटरा के बीच चलाई जा रही हैं।
ट्रेन को स्टेनलेस स्टील से बनाया गया है। ट्रेन का वजन 392 टन है। यानी इसका वजन कम होने से यात्री तेज रफ्तार में भी ज्यादा सहज और आरामदायक महसूस करेंगे।
वंदे भारत ट्रेन मे ऑटोमेटिक फायर सेंसर, सीसीटीवी कैमरे, वाईफाई सुविधा के साथ ऑन-डिमांड सामग्री, तीन घंटे का बैटरी बैकअप और जीपीएस सिस्टम जैसी सुविधाएं दी गई हैं।
यह ट्रेन 52 सेकंड में 0-100 किमी प्रति घंटे की स्पीड पकड़ सकती है। ट्रेन में ऑटोमेटिक गेट है। चौड़ी खिड़कियां हैं, ताकि बाहर का नजारा देखा जा सके। लगेज के लिए पर्याप्त जगह है। इमरजेंसी में लोको पायलट और ट्रेन गार्ड एक-दूसरे के साथ-साथ यात्रियों से भी संपर्क कर सकेंगे।
वंदे भारत-2 का स्पीड ट्रायल अगस्त में कोटा-नागदा सेक्शन के बीच 120/130/150 और 180 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हुआ था। तब रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने एक एक वीडियो ट्वीट किया था। उसमे तेज रफ्तार ट्रेन में एक गिलास रखा दिखाई दे रहा था। हाई स्पीड के बाद भी गिलास से एक बूंद पानी नहीं छलका था।
बता दें कि केंद्र सरकार ने देश में वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन प्रोजेक्ट के लिए 1.37 हजार करोड़ रुपए आवंटित किए हैं। इसके तहत पूरे भारत में 400 वंदे भारत एक्सप्रेस से विभिन्न राज्यों को जोड़ा जाएगा।
सरकार की योजना अगले तीन वर्षों में 400 नेक्स्ट जेनरेशन की सेमी-हाई स्पीड वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों का विकास और उत्पादन करना है। वंदे भारत को मूल रूप से ट्रेन 18 के रूप में जाना जाता था। इसे तत्कालीन महाप्रबंधक सुधांशु मणि के निर्देश पर इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (आईसीएफ) द्वारा बनाया गया था।
वंदे भारत ट्रेन में सफर के दौरान प्रधानमंत्री के साथ बच्चे भी मौजूद थे। इस दौरान पीएम और बच्चों के बीच खूब बातें हुईं।
वंदे भारत ट्रेन में सफर के दौरान प्रधानमंत्री के साथ कुछ स्पेशल यात्री थे। पीएम ने यात्रा के दौरान कई अनुभव शेयर किए।
वंदे भारत ट्रेन में सफर के दौरान प्रधानमंत्री ने बच्चों को ऑटोग्राफ दिए। बच्चे मोदी के साथ सहज दिखे।
वंदे भारत ट्रेन में सफर के दौरान प्रधानमंत्री ने महिलाओं के साथ कई मुद्दों पर चर्चा की। यह ट्रेन भारत में मिसाल बनी है।