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शादी से पहले बेटी संबंध बनाती तो जिंदा जला देता...ऐसा कहने वाले वकील को महिला ने कोर्ट के सामने मारी थी चप्पल
| Published : Mar 03 2020, 12:28 PM IST / Updated: Mar 04 2020, 04:00 PM IST
शादी से पहले बेटी संबंध बनाती तो जिंदा जला देता...ऐसा कहने वाले वकील को महिला ने कोर्ट के सामने मारी थी चप्पल
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तीसरी बार भी निर्भया के दोषियों की फांसी की तारीख टल गई। दोषियों को 3 मार्च की सुबह 6 बजे फांसी होनी थी। फांसी टलने के बाद दोषियों के वकील एपी सिंह की आलोचना की जा रही है।
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दोषियों के वकील एपी सिंह ने एक बार कहा था कि अगर उनकी बेटी शादी से पहले संबंध बनाती तो वह सबके सामने उसपर पेट्रोल छिड़क कर आग लगा देते।
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11 सितंबर 2013 को दिल्ली के साकेत कोर्ट के बाहर वकील एपी सिंह मीडिया को संबोधित कर रहे थे। तभी वहां मौजूद एक महिला ने उनपर चप्पल फेंकने से मारने की कोशिश की।
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महिला ने एपी सिंह को चप्पल से मारने की कोशिश की थी। वहां मौजूद वकीलों ने उसे रोक दिया। तब उसने कहा था, घर के बाहर महिलाओं का निकलना मुश्किल हो गया है।
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पुलिस ने अनीता को पकड़कर गेट के बाहर कर दिया। इस मामले में किसी की तरफ से पुलिस में कोई शिकायत दर्ज नहीं कराई गई है।
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किसी तरह पुलिसकर्मियों ने अनीता को वहां से हटाया ही था कि वह अदालत परिसर में मौजूद मुकेश के वकील वीके आनंद के पास पहुंच गई और उनको भी खरी-खोटी सुनाने लगी।
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अनीता, वकील एपी सिंह से उलझ गई थी। झड़प के दौरान उसने वकील की शर्ट भी फाड़ दी थी।
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अनीता नाम की महिला ने कहा था, महिलाएं सुरक्षित नहीं रह गई हैं। फिर भी कोई वकील वसंत विहार सामूहिक दुष्कर्म के आरोपियों का केस क्यों लड़ रहा है?
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3 बार जारी हो चुका है डेथ वॉरंट : निर्भया के चारों दोषियों को फांसी देने के लिए 3 बार डेथ वॉरंट जारी हो चुका है। पहला डेथ वॉरंट 7 जनवरी को जारी हुआ, जिसके मुताबिक 22 जनवरी को सुबह 7 बजे फांसी देने का आदेश दिया गया। इसके बाद दूसरा डेथ वॉरंट 17 जनवरी को जारी हुआ, दूसरे डेथ वॉरंट के मुताबिक, 1 फरवरी को सुबह 6 बजे फांसी देना का आदेश था। फिर 31 जनवरी को कोर्ट ने अनिश्चितकाल के लिए फांसी टाली दी। तीसरा डेथ वॉरंट 17 फरवरी को जारी हुआ। इसके मुताबिक 3 मार्च को सुबह 6 बजे फांसी का आदेश दिया गया।
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निर्भया के साथ क्या हुआ था? : दक्षिणी दिल्ली के मुनिरका बस स्टॉप पर 16-17 दिसंबर 2012 की रात पैरामेडिकल की छात्रा अपने दोस्त को साथ एक प्राइवेट बस में चढ़ी। उस वक्त पहले से ही ड्राइवर सहित 6 लोग बस में सवार थे। किसी बात पर छात्रा के दोस्त और बस के स्टाफ से विवाद हुआ, जिसके बाद चलती बस में छात्रा से गैंगरेप किया गया। लोहे की रॉड से क्रूरता की सारी हदें पार कर दी गईं। छात्रा के दोस्त को भी बेरहमी से पीटा गया। बलात्कारियों ने दोनों को महिपालपुर में सड़क किनारे फेंक दिया गया। पीड़िता का इलाज पहले सफदरजंग अस्पताल में चला, सुधार न होने पर सिंगापुर भेजा गया। घटना के 13वें दिन 29 दिसंबर 2012 को सिंगापुर के माउंट एलिजाबेथ अस्पताल में छात्रा की मौत हो गई।