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जय हिंद: 28 फीट ऊंची-6 फीट चौड़ी बोस की ग्रेनाइट मूर्ति ने बदला 'इंडिया गेट' का इतिहास, Interesting Facts
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इस मूर्ति को तैयार करने वाले मूर्तिकारों(sculptors) को ख्यात मूर्तिकार अरुण योगीराज ने लीड किया। मूर्ति का निर्माण मार्डन टूल्स(औजार) की हेल्प से ट्रेडिशनल टेक्निक से किया गया। यानी मूर्ति को तैयार करने में हाथों की कला का ही इस्तेमाल किया गया, मशीन का नहीं।
नेताजी की इस विशाल मूर्ति भारत में सबसे ऊंची, रियलिस्टिक मोनोलिथिक ग्रेनाइट (नेचुरल ग्रेनाइट पत्थर), हैंडमेड स्कल्पचर में से एक है। जिस जगह पर ये मूर्ति स्थापित है, वहां PM मोदी ने 23 जनवरी को होलोग्राम मूर्ति(hologram statue) की अनावरण किया था। अब जानते हैं इंडिया गेट की कहानी...
नई दिल्ली के केंद्र में 42 मीटर ऊंचा इंडिया गेट है। यह उन 70,000 से अधिक भारतीय सैनिकों को शहादत को याद दिलाता है, जिन्होंने प्रथम विश्व युद्ध के दौरान ब्रिटिश सेना के लिए लड़ते हुए अपनी कुर्बानी दी थी। जब इंडिया गेट बना, तब यहां यूनाइटेड किंग्डम(UK) के राजा जार्ज पंचम(George V) की प्रतिमा स्थापित की गई थी। उसे बाद में बुराड़ी रोड स्थित कोरोनेशन पार्क (Coronation Park) में शिफ्ट कर दिया गया था। अब इसी चबूतरे(स्तम्भ) पर नेताजी की मूर्ति विराजी है।
प्रधानमंत्री मोदी ने जब 21 जनवरी को इंडिया गेट पर जल रही अमर जवान ज्योति को नेशनल वॉर मेमोरियल की लौ में विलीन यानी मर्ज किया था, तब बोस की प्रतिमा स्थापित करने का ऐलान किया था। राष्ट्रीय युद्ध स्मारक इंडिया गेट से महज 400 मीटर की दूरी पर स्थित है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 25 फरवरी, 2019 को राष्ट्रीय युद्ध स्मारक देश को सौंपा था।
इंडिया गेट नई दिल्ली के राजपथ(इस अब कर्तव्यपथ के नाम से जाना जाएगा) पर स्थित 42 मीटर ऊंचा विशाल युद्ध स्मारक प्रतीक है। यह स्वतंत्र भारत का राष्ट्रीय स्मारक है, जिसे पूर्व में किंग्सवे कहा जाता था। इसका डिजाइन सर एडवर्ड लुटियन्स ने तैयार किया था। यह स्मारक पेरिस के आर्क डे ट्रॉयम्फ़ से प्रेरित है। इसे सन् 1931 में बनाया गया था।
इंडिया गेट स्मारक लाल और पीले बलुआ पत्थरों से बना हुआ दर्शनीय स्थल है। जार्ज पंचम की मूर्ति शिफ्ट किए जाने के बाद यह एक छतरी भर बनकर रह गई थी, जिसमें नेताजी की मूर्ति बैठाई गई है।