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आखिरी सांस लेते समय जब सास ने पकड़ा बहू का हाथ, निकल पड़े आंसू...बहू ने निभाया अपना फर्ज
| Published : Mar 14 2020, 02:58 PM IST / Updated: Mar 14 2020, 04:11 PM IST
आखिरी सांस लेते समय जब सास ने पकड़ा बहू का हाथ, निकल पड़े आंसू...बहू ने निभाया अपना फर्ज
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मीनाक्षी ने बताया कि उनकी सास की क्रिया-कर्म पर फिजूल खर्ची के खिलाफ थीं। उन्होंने कहा था कि ये पैसे जरूरतमंदों पर खर्च करना। बस, उनकी आखिरी इच्छा थी कि उन्हें उनकी पसंद की साड़ी में विदा किया जाए। मीनाक्षी ने बताया कि उनके ससुर की 2004 में मौत हो गई थी। तब ही अंतिम संस्कार सामान्य तरीके से किया गया था।
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यह मामला हिमाचल प्रदेश के मंडी के जोगेंद्रनगर का है। यह मामला दिसंबर, 2019 का है। यहां रहने वालीं सोमा सूद को कंधा देने उनका बेटा रमेश जिंदा नहीं था। उसका इस घटना के तीन साल पहले ही निधन हो गया था। ऐसे में सोमा की बहू और पोतियों ने उनकी अर्थी को कंधा दिया।
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यह मामला महाराष्ट्र के बीड का है। यहां अपनी सास का निधन पर चार बहुओं ने उनकी अर्थी को कंधा देकर एक मिसाल पेश की थी। यह मामला सितंबर, 2019 का है। काशीनाथ नगर में रहने वालीं 83 साल की सुंदरबाई दगडू नाईकवाड़े अपनी बहुओं को बहुत प्यार करती थीं।
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यह मामला झारखंड के हजारीबाग जिले के करगालो का है। यहां 75 वर्षीय सबिया देवी का निधन होने पर उनकी दो बहुएं उर्मिला देवी और अम्बिया देवी ने कंधा दिया।
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सुंदरबाई दगडू की बहुओं ने बताया कि उनके यहां ऐसा पहले कभी नहीं हुआ था। महिलाएं किसी अर्थी को कंधा नहीं देतीं। लेकिन जब उन्होंने अपनी सास को कंधा देने का फैसला किया, तो लोग हैरान हुए थे। हालांकि बाद में सबने सहयोग किया।