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कोरोना का दर्द: डॉक्टर-नर्स के चेहरे पर पड़ रहे फफोले, शरीर से निकलने लगी स्किन..पहचानना हुआ मुश्किल
अहमदाबाद (गुजरात). साल 2020 पूरा इस कोरोना वायरस के कहर में निकल गया। जिसने पूरी दुनिया के लाखों लोगों को मौत की नींद सुला दिया। वहीं इस महामारी ने डॉक्टरों की जिंदगी बदल कर रख दी है। वह 24 घंटे घर और अस्पताल के होकर रह गए हैं। करीब 12 घंटे तो वह पीपीई के भीतर होते हैं। जिस किट को उन्होंने अपने बचाव के लिए पहनी है अब वो उनको बीमार कर रही है। जिसके चलते डॉक्टर्स सिरदर्द, जलन और खासतौर पर उनकी स्किन खराब हो रही है। कई लेडी डॉक्टर और नर्सों को डबल मास्क पहनने से चेहरे पर फफोले उठ आए हैं। खूबसूरत चेहरा बिगड़ गया, जिसे देखकर पहचानना मुश्किल है। (अपोलो हॉस्पिटल की नर्स किंजल कोराट और डर्मेटोलॉजिस्ट डॉ. अंशुल वर्मन।)
| Published : Dec 17 2020, 12:32 PM IST / Updated: Dec 17 2020, 01:12 PM IST
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तस्वीर में दिखाई दे रहीं यह लेडी अहमदाबाद के अपोलो हॉस्पिटल की नर्स किंजल कोराट हैं। जिन्होंने सेफ्टी के लिए पहने डबल मास्क से चेहरे की स्किन खराब हो रही है। उनका कहना है कि जब मैंने पहली बार पीपीई किट पहनी तो गर्मी और पसीने के चलते चेहरे और शरीर में जगह-जगह लाल चकत्ते और फफोले उठ आए। जो बुरे लगने की जगह दर्द भी देने लगे। अब आलम यह है कि इसका इलाज करना पड़ रहा है।
अहमदाबाद के सिविल अस्पताल में नर्स रिंकू भावसार भी इस पीपीई किट समस्या से जूझ रही हैं। उनके पूरे बदन में खुजली और पीसने के चलते एलर्जी हो गई है। उनका कहना है कि डबल लेयर का किट पहनने से पसीना बहुत आता है। घबराहट होती है ऐसा लगता है कि इसके उतार कर फेंक दो, लेकिन क्या करें चाहकर भी इसे नहीं उतार सकते हैं।
डर्मेटोलॉजिस्ट डॉ. अंशुल वर्मन बताती हैं कि इस पीपीई किट के चलते पूरा शुरीर बंध जाता है। जिसके चलते कहीं भी हवा भी नहीं जाती है। बॉडी पसीने से तरबतर हो जाती है। ग्लव्ज पहने ने हाथों में खुजली होने लगी है साथ ही डबल मास्क से चेहर पर निशान आने लगे हैं। जिसके चलते डॉक्टर्स में करीब 25% फीसदी एलर्जी की दवाएं लेने पर मजबूर हैं।
इस तस्वीर को देखकर आप अंदाजा लगा सकते हैं कि किस तरह पीपीई किट के चलते पूरा शरीर पसीने से तरबतर हो गया। नर्स का कहना है कि कई बार बीच में पानी पीने का दिल करता है, लेकिन इसे उतारने के चलते नहीं पी पाते। 10 मिनट में ही बेचैनी महसूस होने लगती है और सांस तक नहीं ली जाती। हेड लगाने से कानों पर अलग तरह का प्रेशर लगता है। चेहरे पर जो शील्ड लगा होता है वो हमारी सांसों की भाप से धुंधला जाता है। हम ठीक से देख भी नहीं पाते।
वहीं कुछ डॉक्टर और नर्सों में पीपीई किट के चलते डिहाइड्रेशन, चक्कर आने तथा हार्ट बीट बढ़ने जैसी परेशानियों के शिकार हो रहे हैं।