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बच्चे का फूला हुआ पेट देख झर-झर बहते हैं मां-बाप के आंसू, जान बचाने को बेचना पड़ेगा घर

कोलकाता. लीवर खराब होने की गंभीर बीमारी में जिंदगी और मौत से लड़ रहे एक बच्चे की तस्वीरें आपको झकझोर देंगी। अपने बच्चों को फूले हुए पेट के साथ लगातार उल्टियां करते देखना किसी भी मां-बाप के लिए इससे बुरा क्या होगा? लेकिन कोलकाता के अतानु और शिवानी अस्पताल में बिस्तर पर पड़े अपने बेटे अनीश सिकदर को देख रोते रहते हैं। 

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Asianet News Hindi
Published : Dec 03 2019, 10:51 AM IST| Updated : Dec 03 2019, 04:28 PM IST
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मां शिवानी अपने बेटे को बाबू बुलाती हैं, वह बताती हैं कैसे उस रात बाबू को बहुत उल्टियां हुईं और वह मेरी गोद में ही बेहोश हो गया। मुझे लगा वह वापस कभी नहीं उठेगा लेकिन ये कोई चमत्कार ही था कि वह उठा और हमने उसे अस्पताल में भर्ती करवाया। मैं अपने बच्चे को अपनी आंखों के सामने मरते नहीं देख सकती, डॉक्टर का कहना है कि वह कभी भी दम तोड़ सकता है अगर जल्द से जल्द हमने उसका लीवर ट्रांसप्लांट नहीं करवाया तो।
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पिछले दो साल में इस बच्चे की हालत बिगड़ती ही चली गई। मां बाप पहले जब डॉक्टर के पास ले गए तो वह जांच नहीं पाए कि आखिर बच्चों को क्या बीमारी है, ऐसे में पैरेंट बच्चे को लेकर कोलकाता से चेन्नई फिर हैदराबाद के चक्कर काटते रहे। बच्चे की जान बचाने के लिए मां-बाप इतने परेशान हैं कि उसे हल्का बुखार होने पर भी अस्पताल लेकर भाग पड़ते हैं। मां शिवानी ने बताया, मेरा बाबू लीवर की गंभीर बीमारी से परेशान है, इतने छोटे बच्चे को कैसे कोई बीमारी हो सकती है। ये बीमारी उसकी जान ले सकती है। उसका लीवर काम नहीं कर रहा, उसके शरीर में पित्त और तरल पदार्थ खतरनाक स्तर पर जमा हो रहे हैं। उसका पेट इतना सूज गया है कि हल्का सा भी स्पर्श करने से दर्द होता है, और वह पूरी तरह से गहरी सांस भी नहीं ले पाता है।
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पतली, लाल दिखने वाली नसें उसके पेट पर साफ झलकती हैं। डॉक्टरों का कहना है कि अगर इसे बचाना चाहे तो उसे तुरंत ट्रांसप्लांट करवाएं लेकिन एक बिजली ठीक करने वाले के पास लाखों रुपये कहां से आएंगे। दरअसल इस बच्चे के पिता, आतनु एक इलेक्ट्रिशियन हैं, वह महीने का भी इतना नहीं कमा पाते कि 35 लाख रुपये जुटा सके इसलिए वह गंभीर तनाव में हैं कि कैसे पैसों का इंतजाम करें। इस बात पर अपने बच्चे के दर्द से तड़पती मां शिवानी कहती हैं कि, बाबू को बचाने के लिए वो घर बेच देंगी, हम सड़क पर रह लेंगे, बेघर हो जाएंगे लेकिन अपने बच्चों को जरूर बचाएंगे।
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आतनु के परिवार की बेबसी देख अस्पताल ने उनकी मदद करने के लिए लोगों से मदद करने की गुहार लगाई है। ऐसे में एक संस्था मिलाप के जरिए अकाउंट नंबर देकर डोनेशन मांगा जा रहा है। आप भी अगर इस गरीब बच्चे की जान बचाना चाहते हैं तो नीचे लिखी जानकारी पर डोनेशन दे सकते हैं।

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