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सीरियल किलर: क्लिनिक बंद करके डॉक्टर करने लगा लूटमार..किसी को नहीं छोड़ता था जिंदा, किडनी भी बेचता था
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सीरियल किलर डॉक्टर देवेंद्र शर्मा ने 1995 में यूपी के अलीगढ़ के छारा गांव में भारत पेट्रोलियम कंपनी के नाम का सहारा लेकर फर्जी गैस एजेंसी शुरू की थी। इसके लिए वो पहले लखनऊ से सिलेंडर लाता था। लेकिन जब दिक्कत हुई, तो कुछ लोग उसके संपर्क में आए। (काल्पनिक चित्र)
आशंका है कि सीरियल किलर ने दलालपुर गांव के राज, उदयवीर और वेदवीर के साथ अपना गिरोह बनाया और एलपीजी सिलेंडर सप्लाई करने वाले ट्रकों को लूटना शुरू कर दिया। ये सिलेंडर वो अपनी एजेंसी पर लाकर बेचता था।
लूटे गए ट्रक सीरियल किलर मेरठ में बेचता था। आरोपी किसी भी ड्राइवर को जिंदा नहीं छोड़ता था। हालांकि डेढ़ साल बाद ही उसका भंडाफोड़ हो गया था।
किलर इसके बाद भी बाज नहीं आया। उसने 2001 में अमरोहा में फिर फर्जी गैस एजेंसी खोल ली। यहां भी उसके खिलाफ केस दर्ज हुआ था।
पुलिस की रेड के चलते भारी नुकसान के बाद किलर 1994 में जयपुर, बल्लभगढ़ और गुरुग्राम के अलावा और भी कई जगहों पर चल रहे अंतरराष्ट्रीय किडनी प्रत्यारोपण रैकेट से जुड़ गया।
किलर को 2004 में गुरुग्राम में डॉ. अमित द्वारा संचालित अनमोल नर्सिंग होम में चल रहे किडनी रैकेट पर रेड के दौरान पकड़ा गया था।
आशंका है कि डॉक्टर देवेंद्र ने 1994 से 2004 तक अवैध तरीके से करीब 125 से ज्यादा किडनी प्रत्यारोपित कराईं। इसके एवज में वो प्रति केस 5-7 लाख रुपए वसूलता था।
किलर के बारे में यह बात भी सामने आई है कि वो जब जयपुर में क्लिनिक चलाता था, तब अलीगढ़ जाने के बहाने टैक्सी किराये पर लेता था। फिर रास्ते में ड्राइवर की हत्या करके टैक्सी बेच देता था। लाशें काजगंज के हजारा नहर में फेंकने की बात सामने आई है।
लूटी गईं टैक्सियां किलर मेरठ में 20-25 हजार रुपए में बेचा करता था। पुलिस ने इस मामल में कइयों को गिरफ्तार किया है।
किडनी रैकेट में डॉक्टर किलर ने खूब पैसा कमाया। लेकिन धीरे-धीरे उसे हत्याएं करने में मजा आने लगा।
आरोपी के खिलाफ कई राज्यों में केस दर्ज हैं। उसे 2002-04 तक कई हत्याओं के मामले में गिरफ्तार किया था। जयपुर में एक हत्या के मामले में उसे उम्रकैद हुई थी। हाल में वो पैरोल पर निकला था। इसके बाद उसने एक विधवा से शादी की ली। 2004 में उसकी पत्नी और बच्चों ने उसे छोड़ दिया था।
जनवरी में किलर 20 दिनों की पैरोल पर छूटकर अपने पैतृक गांव आया। मार्च में दिल्ली आया और फिर दिल्ली में बपरोला की एक विधवा से शादी कर ली। यहां वो प्रापर्टी का काम करने लगा। लेकिन इसके बाद वो पुलिस की नजरों से दूर हो गया था।