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International widow Day 2022: कहानी पंजाब के उस गांव की, जहां रहती हैं सिर्फ विधवा औरतें
international widow Day 2022: हर साल 23 जून को अंतर्राष्ट्रीय विधवा दिवस मनाया जाता है। इस दिन को मनाने का उद्देश्य उन महिलाओं को सम्मान देना है, जो अपने पति को खोने के बाद समाज की चुनौतियों और संघर्षों का सामना करती हैं। बता दें कि भारत में एक ऐसा गांव भी है, जहां के हर घर में सिर्फ औरतें हैं और वो भी विधवा। इस गांव में ज्यादातर सन्नाटा छाया रहता है। अंतरराष्ट्रीय विधवा दिवस पर हम बता रहे हैं पंजाब के एक ऐसे ही गांव के बारे में।
| Published : Jun 23 2022, 01:23 PM IST / Updated: Jun 23 2022, 01:25 PM IST
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पंजाब के अमृतसर जिले में एक गांव है, जिसका नाम है मकबूलपुरा। इस गांव को विधवाओं का गांव भी कहते हैं। दरअसल, इस गांव के ज्यादातर घरों में विधवा औरतें रहती हैं, क्योंकि मर्द मौत के मुंह में समा चुके हैं।
दरअसल, मकबूलपुरा गांव का हर एक मर्द नशे की लत की चपेट में था। जिस तरह पंजाब में नशे का कारोबार पिछले कुछ सालों में तेजी से बढ़ा, उसकी वजह से यहां के हर एक शख्स नशे की लत में अपनी जिंदगी तबाह कर ली।
इस गांव के ज्यादातर घरों के मर्द नशे की ओवरडोज के चलते मौत के मुंह में समा चुके हैं। यहां के आसपास के गांवों में भी दिन ढलते ही लोग नशे के इंजेक्शन लेने लगते हैं। ड्रग्स और नशे की लत ने इस गांव को मनहूस बना दिया है।
मर्दों को नशे की लत से दूर करने के लिए अब यहां कई एनजीओ काम कर रहे हैं। इन एनजीओ की कोशिश है कि गांव के युवा लोग नशे के प्रति जागरुक बनें ताकि इस गांव की औरतें असमय विधवा होने से बच सकें।
इसी तरह पंजाब के मानसा जिले का कोट धर्मू गांव है, जहां कर्ज और नशे की वजह से ज्यादातर मर्द अब इस दुनिया में नहीं हैं। बता दें कि पंजाब लंबे समय से नशे की चपेट में है। फिल्म उड़ता पंजाब भी इसी बैकग्राउंड पर बनी है।
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