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सेना की नौकरी छोड़ सियासत में की थी एंट्री, इस वजह से जसवंत सिंह को अटलजी कहते थे अपना 'हनुमान'

जोधपुर. बीजेपी के दिग्गज नेता और अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में मंत्री रहे जसवंत सिंह का रविवार को निधन हो गया। उन्होंने 82 साल की उम्र में दिल्ली के आर्मी अस्पताल में अंतिम साल ली। राजस्थान के बाड़मेर जिले से आने वाले जसवंत सेना में मेजर के पद से इस्तीफा देकर राजनीति में आए थे। वह अपने तेवर के लिए जाने जाते थे, यहां तक कि उन्होंने एक बार जो कह दिया उसे वह पूरा करके ही छोड़ते थे। इसलिए जसवंत ने बीजेपी मुंह मोड़ लिया था और साल  2014 के लोकसभा चुनाव में निर्दलीय चुनाव लड़ा। अपने आखिरी चुनावी नामांकन में उन्होंने जिस संपत्ति की जानकारी दी थी वह काफी दिलचस्प थी। उनके मुताबिक, उनके पास 51 गायें और तीन अरबी घोड़े और 19 बंदूकें बताई थीं। 

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Asianet News Hindi
Published : Sep 27 2020, 12:31 PM IST| Updated : Sep 27 2020, 12:37 PM IST
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जसवंत सिंह वाजपेयी सरकार के लिए एक संकटमोचक की भूमिका भी निभाते थे। इतना ही नहीं वह अटल बिहारी के बेहद करीबी नेता थे। इसलिए तो वाजपेयी जी उनको अपना हनुमान कहकर पुकारते थे। जसवंत उनकी सरकार में रक्षा, वित्त और विदेश जैसे अहम मंत्रालय की जिम्मेदारी संभाली थी। जसवंत सिंह के पास 7 करोड़ रुपए की चल और अचल संपत्ति थी उनके  पास 6 गाड़ियां थी जिनमें दो उनकी पत्नी के नाम हैं।
 

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बता दें कि  जसवंत सिंह साल 1960 में सेना में मेजर के पद से इस्तीफा देकर भारतीय राजनीति में कदम रखा था। बीजेपी में आने के बाद अटल बिहारी वाजपेयी वाली राजग सरकार में उनको 1998 से 2004 तक जसवंत ने वित्त, रक्षा और विदेश मंत्रालय संभाल चुके हैं।
 

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जसवंत सिंह अगस्त 2014 में अपने घर में गिरने के बाद से लगातार बीमार चल रहे थे। उनके जाने के बाद राजस्थान में शोक की लहर दौड़ गई। उनके निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत अन्‍य नेताओं ने शोक जताया है। पीएम ने ट्वीट कर कहा कि उन्हें अलग तरह की राजनीति के लिए याद किया जाएगा।

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जसवंत सिंह को जानवरों से खासा लगाव था, इसलिए उन्होंने अपने जैसलमेर तथा जोधपुर के फार्म हाउस में विदेशी नस्लों की गायें और अरबी घोड़े रखे हुए थे। उनके पास कई प्रजाति की गाएं और घोड़े थे, वह अक्सर उनके साथ देखे जाते थे।
 

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जसवंत सिंह साल  2009 में उस वक्त सबसे ज्यादा चर्चा में आए थे तब उन्होंने  'भारत विभाजन और स्वतंत्रता' नाम की एक किताब लिखी थी। इस पुस्तक में उन्होंने पाकिस्तान बनाने वाले मोहम्मद अली जिन्ना की जमकर तारीफ की थी। जिसके चलते उनको भाजपा से निष्कासित कर दिया गया था।

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इतना ही नहीं जसवंत सिंह को भारत और अमेरिका के बीच दोस्‍ती का 'सूत्रधार' माना जाता है। जब भारत ने 1998 में अपना दूसरा परमाणु परीक्षण कर न केवल दुनिया को चकित किया बल्कि अमेरिकी प्रतिबंधों को भी बता दिया था कि भारत अपनी दम पर कुछ भी कर सकता है। उन्हीं के चलते  भारत-अमेरिका के बीच ऐतिहासिक परमाणु डील का रास्‍ता साफ हुआ।

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जसवंत सिंह राजस्थान से ताल्लुक रखते थे। उनका जन्म 3 जनवरी, 1938 को राजस्थान के बाड़मेर जिले के जसोल गांव में ठाकुर सरदारा सिंह और कुंवर बाईसा के घर हुआ था। जसवंत सिंह की पत्नी का नाम शीतल कंवर है। उनके दो पुत्र हैं। बड़ा बेटा मानवेंद्र सिंह बाड़मेर से पूर्व सांसद रह चुका है।
 

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