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शहीद पति की वर्दी लेते समय जब वीरांगना और बेटी रोते हुए मुस्करा दीं, भावुक करने वाला था मंजर
जयपुर, राजस्थान. यह तस्वीर शहीदों के परिजनों की हिम्मत को दिखाती है। ये हैं जम्मू-कश्मीर के हंदवाड़ा में आतंकियों के साथ हुई मुठभेड़ में शहीद हुए सेना की 21 राष्ट्रीय राइफल्स (आरआर) के कमांडिंग अफसर कर्नल आशुतोष शर्मा की पत्नी पल्लवी और बेटी तमन्ना। जब कर्नल का पार्थिव शरीर जयपुर पहुंचा, तो उसे लेने इन दोनों के अलावा कर्नल के भाई पीयूष भी थे। सेना के अधिकारियों ने जब पल्लवी को उनके पति की वर्दी और दूसरा सामान सौंपा, तो उसे अपने हाथों में लेते समय पल्लवी की आंखें भर आईं। बेटी भी अपने पापा का सामान देखकर रो पड़ी। लेकिन कुछ ही सेकंड में दोनों मुस्करा दीं। उन्होंने कहा कि वे(आशुतोष) अपना फर्ज निभाकर चले गए, अब बाकी की जिम्मेदारी उनकी है। आशुतोष अपनी बेटी को आईपीएस बनाना चाहते थे। पल्लवी कहती हैं कि अब उनकी बेटी पुलिस अफसर बनकर समाज की सेवा करेगी।

अपने पति की वर्दी और सामान लेते समय पल्लवी ने भावुक होकर कहा कि आशुतोष का पहला प्यार वर्दी था। ग्रेजुएशन के बाद वे सेना में चले गए। हालांकि वे आईपीएस बनना चाहते थे। फिर उनका सपना बेटी तमन्ना को आईपीएस बनाना रहा। पल्लवी ने कहा कि अब वे अपनी बेटी के जरिये आशुतोष का यह सपना पूरा करेंगी।
अपने साथियों में टाइगर के नाम से फेमस कर्नल आशुतोष शर्मा अपनी बेटी तमन्ना के बेहद करीब थे। शायद ऐसा कोई दिन नहीं था, जब वह अपनी लाडली से फोन पर बात नहीं करते थे। शर्मा ने आखिरी बार एक मई को बात की थी। उन्होंने कहा था-बेटा मैं अभी एक ऑपरेशन में जा रहा हूं, जल्द ही लौटकर आपसे ढेर सारी बातें करूंगा।
(यह तस्वीर कर्नल के पार्थिव शरीर के जयपुर पहुंचने के दौरान की है)
कर्नल की पत्नी पल्लवी से आखिरी बार 1 मई को कॉल पर बात हुई थी। पल्लवी ने 21 आरआर की 26वीं वर्षगांठ पर बधाई देने उन्हें कॉल किया था। कर्नल आशुतोष करीब दो साल से हंदवाड़ा में पोस्टेड थे। पल्लवी और आशुतोष की आखिरी मुलाकात 28 फरवरी को उधमपुर में हुई थी। (यह तस्वीर कर्नल के पार्थिव शरीर के जयपुर पहुंचने के दौरान की है)
कर्नल आशुतोष शर्मा को आर्मी कैंपस यानी हसनपुर-खातीरोड स्थित 61 कैवेलरी के ग्राउंड में श्रद्धांजलि दी गई। वहीं, अजमेर रोड स्थित पुरानी चुंगी मोक्षधाम में अंतिम संस्कार हुआ।
आशुतोष की पार्थिव देह को पुष्पचक्र अर्पित किए गए। इस मौके पर सेना के कई अधिकारी मौजूद रहे।
बता दें कि सोमवार शाम शहीद कर्नल की पार्थिव देह जयपुर एयरपोट पहुंची थी। उनका अंतिम संस्कार पहले सोमवार को ही होना था, लेकिन कश्मीर में खराब मौसम के चलते पार्थिव शरीर शाम को जयपुर लाया जा सका।
जब कर्नल का पार्थिव शरीर जयपुर पहुंचा, तो उसे लेने कर्नल के भाई पीयूष भी मौजूद थे।
कर्नल आशुतोष की गिनती जांबाज अफसरों में होती थी। उन्हें दो बार वीरता पदक मिल चुका था। कर्नल ने हंदवाड़ा ऑपरेशन से पहले अपने वाट्सऐप स्टेटस पर लिखा था-'हिम्मत को परखने की गुस्ताखी न करना, पहले भी कई तूफानों का रुख मोड़ चुक हूं।'
22 अप्रैल को शादी की वर्षगांठ पर आशुतोष की पूरे परिवार से बात हुई थी।
शहीद कर्नल की बेटी तमन्ना जयपुर के जयश्री पेडीवाल स्कूल में 6वीं क्लास में पढ़ती है। बच्ची पापा को याद करके कभी रो पड़ती है, तो कभी मुस्कराकर कहती है-मेरे पापा बहादुर थे।
बता दें कि जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा जिले के हंदवाड़ा में शनिवार को हुई मुठभेड़ में कर्नल आशुतोष सहित पांच जवान शहीद हो गए थे।
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