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किसी फिल्म से कम नहीं है नींबू के संघर्ष की कहानीः 2 साल की उम्र में फिक्स हो गई थी इस लड़की की शादी
जोधपुर (Rajasthan) । दो साल की ही उम्र में ही बाल विवाह के बंधन में बधीं एक लड़की को 18 साल बाद मुक्ति मिली है। यह सब फिल्मी अंदाज में सारथी ट्रस्ट की मैनेजिंग ट्रस्टी एवं पुनर्वास मनोवैज्ञानिक की डॉक्टर कृति की बदौलत हुआ है, जिनके संपर्क में आई नींबू नाम की लड़की ने कोर्ट का दरवाजा घटखटाया। इतना ही नहीं तमाम उठा पटक के बीत डेढ़ साल केस लड़ा, फिर जाकर एक दिन पहले उसे जीत मिली है। पारिवारिक न्यायालय के न्यायाधीश महेंद्र कुमार सिंघल ने नींबू के बाल विवाह को निरस्त करने के आदेश दिया। यह मामला जोधपुर जिले के चिमाणा गांव का है।
| Published : Dec 25 2020, 10:20 AM IST / Updated: Dec 25 2020, 10:48 AM IST
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बाप तहसील निवासी नींबू की मई 2002 में बाल विवाह बीकानेर के निवासी युवक के साथ करवा दी गई थी। शादी के समय लड़के की उम्र 6 साल तो लड़की की उम्र 2 साल थी। अब नीबू 20 साल की हो गई है।
पढ़ाई पूरी करने के बाद नींबू को बाल विवाह स्वीकार करने को मजबूर किया गया। लेकिन, वो खुद ही बाल विवाह के बंधन में नहीं रहना चाहती थी। ऐसे में नींबू सारथी ट्रस्ट की डॉ कृति भारती के संपर्क में आ गई। जिसके बाद जोधपुर परिवारिक न्यायालय में वाद दायर किया।
फोटो सोर्स-दैनिक जागरण
न्यायालय में नींबू के बाल विवाह व उसे संबंधित सबूत पेश कर बाल विवाह निरस्त करने की मांग रखी। आखिरकार डेढ़ साल की सुनवाई के बाद गुरुवार को परिवारिक न्यायालय संख्या-1 के न्यायाधीश महेंद्र सिंह सिंहल ने नींबू के बाल विवाह को निरस्त करने के आदेश दे दिए।
बता दें कि देश का पहला बाल विवाह भी सारथी ट्रस्ट की डॉ कृति भारती ने ही निरस्त करवाया था। अब तक 41 जोड़ों के बाल विवाह निरस्त करवा चुकी हैं । साथ ही 1400 से अधिक बाल विवाह रुकवाए भी हैं।
डॉ कृति और उनकी संस्था सारथी का नाम वर्ल्ड रिकॉर्ड और लिम्का बुक में भी दर्ज है। डॉ. कृति के प्रयासों से एक और बालिका वधू कुप्रथा की बेड़ियों से मुक्त हो गई, जिसकी लोग तारीफ कर रहे हैं।
फाइल फोटो