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श्मशान घाट पर सच जानने पहुंचे जज साहब, कोरोना संक्रमित शवों को जलाने का रेट सुनकर हो गए हैरान
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न्यायाधीश सोनी ने सेक्टर तीन स्थित श्मशान का भी औचक निरीक्षण किया। लेकिन, एक घंटे बाद चौकीदार श्यामलाल नहीं आया। बाद में उन्होंने कोविड मृतक का परिजन बनकर अंतिम संस्कार कराने वाले राजेश गौरण से बात की। जिसने दाह संस्कार के एवज में 15 हजार रुपए की मांग की। साथ ही कहा कि बॉडी कोविड की नहीं होती तो वह तीन हजार रुपए ही लेता।
(प्रतीकात्मक फोटो)
न्यायाधीश ने जब चौकीदार श्यामलाल के बारे में पूछा तो उसने कहा कि वह कोरोना से मृत व्यक्ति की बॉडी अशोकनगर स्थित श्मशान ले जाएं, यहां अब उसका अंतिम संस्कार नहीं होगा।
(प्रतीकात्मक फोटो)
नगर निगम के कोरोना से मृत लोगों के अंतिम संस्कार के लिए लकड़ी निःशुल्क में दिए जाने के विपरीत यहां न्यायाधीश से गौरव ने कहा कि बॉडी के वजन के हिसाब से लकड़ी की व्यवस्था उन्हें ही करनी होगी। जिसका खर्चा उन्हें देना होगा।
(प्रतीकात्मक फोटो)
लकड़ी जमाने का अलग से खर्चा लिया जाएगा। सेक्टर तेरह स्थित श्मशान में न्यायाधीश ने वहां मौजूद कर्मचारी से बात की तो उसने कहा कि पहले 2100 रुपए जमा कराने को कहा। वहां मौजूद इंद्र प्रकाश ने न्यायाधीश से कहा कि तीन पीढ़ियों से उनका श्मशान पर कब्जा है। यहां किसी का शव बिना पैसे जलाना संभव नहीं।
(प्रतीकात्मक फोटो)
न्यायाधीश कुलदीप सोनी ने श्मशानों में की जा रही अवैध वसूली को लेकर नगर निगम आयुक्त तथा एसपी को पत्र लिखकर कड़ी कार्रवाई के लिए कहा है। इधर, नगर निगम ने पांच सदस्यीय टीम बनाई है जो श्मशानों में चल रहे अवैध वसूली पर लगाम लगाएंगे। निगम आयुक्त हिम्मतसिंह बारहठ ने बताया कि पांच कर्मचारी श्मशानों पर निगाह रखेंगे।
(प्रतीकात्मक फोटो)