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24 लाशों के बीच जिंदा बचा सिर्फ एक बच्चा, चश्मदीद बोले ऐसा चमत्कार हमने पहले कभी नहीं देखा...
कोटा (राजस्थान). बूंदी बस हादसे को आज दो दिन हो गए। लेकिन इस दर्दनाक मंजर कोई नहीं भूल पा रह है। हादसे के वक्त लोगों बचाने और घटनास्थल पर मौजूद चश्मदीदों ने कहा-हमने ऐसा भयानक हादसा आज तक नहीं देखा। बस के शीशे तोड़कर हमने जहां भी हाथ डाला..वहां से हमको लाशें ही लाशें मिली। लेकिन ऐसा चमत्कार भी पहले कभी नहीं देखा कि इन शव के बीच एक 8 से 10 साल का बच्चा जिंदा बचा। जब हम उस मासूम को डॉक्टर के पास ले गए तो उसकी सांसे चल रहीं थी और वह बच गया। बता दें कि 26 फरवरी दिन बुधवार सुबह 10 बजे बूंदी की मेज नदीं में एक बारातियों से भरी बस गिर गई थी। बस में कुल 30 लोग सवार थे। जिसमें 24 की मौके पर मौत हो गई, जबकि 6 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे। हादसे में मारे गए मामा पक्ष अपनी भांजी प्रीति की शादी के लिए कोटा से सवाई माधोपुर जा रहा था।
| Published : Feb 28 2020, 07:42 PM IST / Updated: Feb 28 2020, 07:46 PM IST
24 लाशों के बीच जिंदा बचा सिर्फ एक बच्चा, चश्मदीद बोले ऐसा चमत्कार हमने पहले कभी नहीं देखा...
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प्रत्यक्षदर्शी रामेश्वर मीणा ने बताया कि जिस वक्त हादसा हुआ उस दौरान वो उस नदी से करीब 100 मीटर दूरी पर थे। मैं नदी पार भी नहीं कर पाया कि वहां से चीख-पुकार की आवाज सुनाई देने लगी और देखते ही देखते 30 लोगों से भरी बस नदी में जा गिरी। मैं वहां दौड़कर आया..और इतने में कुछ ग्रामीण भी वहां पहंचे। इसके बाद हमने पुलिस को सूचना दी
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इस भयानक हादसे में कई के पिता तो किसी की मां और कई के सुहाग उजाड़ गया। पूरे कोटा शहर में ऐसा लग रहा है जैसे कोई बड़ी त्रासदी आ गई हो। हर कोई इस घटना को याद करके रो रहा।
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जैसे ही शव कोटा शहर में लाए गए तो देखने वालों की भीड़ लग गई। हर कोई अपनो को रोते हुए तलाश रहा था। आलम यह था कि कोई पापा तो कोई बेटा-बेटा चिल्ला रहा था
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बस हादसे के बाद एक साथ इतने शव देखकर कर राहगीर महिलाएं अपने आसूं नहीं रोक सकीं। जिस किसी ने यह मंजर देखा वह यही बोला-है भगवान तूने यह क्या कर दिया।
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हादसे में मारे गए 24 लोगों में से 10 लोग तो एक ही परिवार के रहने वाले थे। कोटा के बसंत विहार में बना उनका मकान अब वीरान पड़ा है। कोई चीखने वाला था तक नहीं बचा। हादसे में इस घर के 3 पुरुष और 7 महिलाओं की मौत हो गई। जबकि परिवार के तीन लोग अभी अस्पातल में भर्ती हैं।
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जब 21 लोगों की एक साथ निकली अंतिम यात्रा में लोकसभा स्पीकर ओम बिरला भी शामिल हुए। 21 लोगों की अर्थियां एक साथ निकली हर कोई इस शव यात्रा में रोता हुआ शामिल हुआ। सबकी जुबान से यही बात निकली कि आज तक इतना भयानक मंजर नहीं देखा। हे भगवान, ऐसी ह्रदय विदारक घटना फिर कभी न हो।