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इंजीनियर पति ने खूबसूरत पत्नी को किया इतना टॉर्चर, उसे मरना ही पड़ा, पिता बोले-मेरी बेबसी थी, सब जानता था
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अब सलाखों के पीछे जाएगा पूरा ससुराल
दरअसल, यह दुखद मामला नागौर के मकराना का है। जहां चाण्डी गांव के रहने वाले रामलाल स्वामी की छोटी बेटी अंजू (21) ने मायके में फांसी लगाकर सुसाइड कर लिया। हालांकि यह घटना 20 दिन पुरानी है, लेकिन मृतका के पिता ने अब जाकर पुलिस थाने में उसके पति और ससुरालवालों के खिलाफ मामला दर्ज कराया है। पुलिस ने भी बेटी के पति, सास, ससुर और ननद-बहनोई के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
शादी के बाद से करने लगा था प्रताड़ित
बता दें कि मृतका का पति दीपक पेशे से एक इंजीनियर है, जो कि जैसलमेर की एक ऊर्जा कंपनी नौकरी करता है। इतना पढ़ा-लिखा होकर भी उसकी सोच घटिया है। जिसके लिए जिंदगी में सिर्फ पैसा ही सबकुछ है। तभी तो वह अपने माता-पिता के साथ मिलकर पत्नी को शादी के कुछ दिन बाद से ही दहेज के लिए प्रताड़ित करने लगा था। जबकि खूबसूरत और ग्रेजुएट थी, लेकिन उसे तो पांच लाख कैश और एक ब्रेजा कार चाहिए थी। इनके लिए वह पत्नी के साथ मारपीट भी करने लगा था। पति के अत्याचारों से परेशान होकर वह अपने पिता के घर आ गई।
पति से ढाई घंटे बात करने के बाद लगाई फांसी
अंजू के मायके आने के बाद भी आरोपी पति का प्रताड़ित करना बंद नहीं हुआ। उसने अंजू को 10 मई सुबह फोन किया, उस वक्त मृतका खाना बना रही थी, लेकिन पति का कॉल देखकर वह अपने कमरे में चली गई। करीब ढाई घंटे तक फोन पर बात की। इस दौरान विवाद इतना बढ़ा कि अंजू ने गु्स्से में आकर फांसी लगा ली। पिता ने बताया की बेटी के फांसी लगाने के बाद तक उसके पति दीपक का मोबाइल चालू ही था।.
पिता ने बयां किया बेटी का पूरा दर्द
वहीं इस पूरे मामले की जानकारी देते हुए मृतका के पिता रामलाल स्वामी ने बताया कि उनको दो बेटियां थीं, मैना (26) और अंजू (21)। दोनों की शादी एक ही घर में की थी। अलवर के नारायणपुर अशोक कुमार के दोनों सगे बेटों से इनका विवाह 10 दिसंबर 2018 में किया था। पूरा परिवार पढ़ा-लिखा था, कभी सोचा नहीं था कि वह दहेज के लोभी निकलेंगे। फिर भी मैंने दोनों की शादी में 15 लाख रुपए खर्च किए। पिता ने बताया कि मुझे पता चल गया था कि अंजू का पति और उससे सास-ससुर बेटी को दहेज के लिए प्रताड़ित करते हैं।
सबकुछ जानने के बाद भी में चुप रहा...
पिता ने कहा सब कुछ जानने के बाद भी में कुछ नहीं कर सका। क्योंकि मेरी मजबूरी यह थी कि उसी घर में मेरी दूसरी बेटी भी थी। में नहीं चाहता था कि एक की शादी बचाने के चक्कर में दूसरी की भी टूट जाए। पिता ने कहा दहेज वाली बात दोनों बेटियों ने मुझे कोरोना काल में उस वक्त बताई थीं जब वह मिलने घर आईं थी। हालांकि मैंने ससुराल पक्ष के लोगों से बात की। उन्होंने आगे ऐसा न करने का वादा किया। लेकिन कुछ दिन बाद उनका मारना-पीटना फिर शुरू हो गया। जिसके बाद अंजू मायके आकर रहने लगी।