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अजमेर की बेटी ने बढ़ाया मान, अमेरिका की रिसर्च टीम के साथ मिलकर बनाई ब्रेस्ट कैंसर वैक्सीन, मां बोली - गर्व है
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छवि अजमेर में ही पली बढ़ी हैं। उनके माता-पिता दोनों डॉक्टर हैं। अजमेर के वैशाली नगर स्थित सागर विहार कॉलोनी में डॉ. छवि जैन के माता-पिता रहते हैं। पिता डॉ संजीव जैन अजमेर JLN अस्पताल में शिशु रोग विशेषज्ञ हैं। मां डॉ. नीना जैन JLN हॉस्पिटल में ही एनेस्थीसिया विभाग में सीनियर प्रोफेसर और पूर्व HOD हैं। छवि की शुरूआत में पढ़ाई अजमेर की सोफिया और मयूर स्कूल में हुई है।
इसके बाद छवि ने पुणे के इंस्टीट्यूट ऑफ बायो इन्फोर्मेटिक्स एंड बायो टेक्नोलॉजी से एमटेक और स्विटजरलैंड की स्विस फेडरल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नॉलोजी (EPFL) यूनिवर्सिटी से PhD की डिग्री ली। उसके बाद लर्नर रीसर्च इंस्टीट्यूट में 2018 से जून 2021 तक काम किया और इस दौरान यहां डॉ. थामस बड और डॉ. विनसेंट टूही की रिसर्च पर आधारित कैंसर वैक्सीन की ट्रायल टीम में शामिल रहीं।
छवि की मां डॉ. नीना जैन बताती हैं कि उन्होंने बेटी को कभी पढ़ते नहीं देखा, लेकिन जब भी सवाल पूछा तो सही जवाब दिया। हम भी हैरान हो जाते थे। छवि खुद कहती हैं कि देर तक पढ़ाई मैंने कभी नहीं किया, लेकिन लर्निंग पावर अच्छा था।
छवि बताती हैं कि कभी वे इंजीनियर बनना चाहती थीं लेकिन एक क्लास ने उनकी जिंदगी बदल दी और अब वे साइंटिस्ट हैं। छवि के कजिन इंजीनियर थे और वह भी इंजीनियर बनना चाहती थी। मयूर स्कूल में 11वीं में मैथ्स सब्जेक्ट लिया। कुछ ही दिनों बाद बॉयो पढ़ने की इच्छा हुई तो स्कूल मैनेजमेंट से इजाजत लेकर एक दिन के लिए बायो की क्लास अटेंड की। वहां बहुत अच्छा लगा और सब्जेक्ट में रुचि भी बढ़ी। उसके बाद MBBS कर फिजीशियन बनने की इच्छा हुई। बाद में पापा-मम्मी ने साथ दिया और इस फील्ड में आ गई।
छवि के शानदार काम के लिए क्लीवलैंड क्लिनिक के शीर्ष नेतृत्व की ओर से एप्रीसिएशन एंड एक्सिलेन्स अवार्ड और एम्पलॉई ऑफ द क्वार्टर अवॉर्ड मिला है। केसवेस्टर्न रिजर्व यूनिवर्सिटी से फेलोशिप भी हासिल हुई। छवि को फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन से मनुष्यों पर पहले अध्ययन की मंजूरी हासिल कराने में सफलता मिली है।
छवि ने बताया कि यह वैक्सीन अल्फा लेक्टलब्यूमिन नामक ब्रेस्ट कैंसर प्रोटीन पर प्रहार करती है। ट्रिपल नेगेटिव ब्रेस्ट कैंसर के 70 प्रतिशत मामलों में यह प्रोटीन बनाती है। रिसर्च टीम महिलाओं पर वैक्सीन के साइड इफेक्ट के साथ देखेगी कि क्या कैंसर के विरुद्ध उनमें कोई प्रतिरोधक क्षमता बनी है। उन्होंने बताया कि भारतीय महिलाओं में ट्रिपल नेगेटिव ब्रेस्ट कैंसर की आशंका ज्यादा रहती है। इसकी मुख्य वजह जलवायु, कुपोषण, जेनेटिक परिवर्तन, मोटापा और जीवनशैली है।
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