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परिवार ने खेला आत्मा का ऐसा डरावना खेल कि अपनी बेटी की चढ़ा दी बलि, मौत का सच जान पुलिस हैरत में पड़ी
रावतभाटा (राजस्थान). मेडिकल साइंस ने इतनी तरक्की कर ली है कि वह इंसान को मौत के मुंह से भी बाहर निकाल लाता है। लेकिन फिर भी कुछ लोग ऐसे हैं जो इलाज छोड़कर जादू-टोना का सहारा लेते हैं। जिसका अंजाम यह होता है कि अच्छे खासे इंसान की मौत हो जाती है। राजस्थान के रावतभाटा से ऐसा ही एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है, जहां एक परिवार ने अपनी 30 साल की बेटी की अंधविश्वास के चलते शनिवार को उसकी बलि चढ़ा दी। पढ़िए कैसे एक 12वीं पढ़ने वाली बेटी ने अपनी बड़ी बहन की ली जान...
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18 घंटे तक बंद कमरे में चलता रहा तंत्र-मंत्र
दरअसल, यह मामला रावतभाटा की चर्च बस्ती का है। जहां की रहने वाली गीताबाई की बड़ी बेटी सुनीता कुछ दिन पहले सुसराल से मायके आई हुई थी। इस दौरान उसकी अचानक तबीयत खराब हो गई। परिवार ऐसे में उसे किसी डॉक्टर के पास ना ले जाकर 18 घंटे तक कमरा बंद कर तंत्र-मंत्र चलता रहा। यह टोना-टोटका किसी और ने नहीं, बल्कि परिवार की ही 12वीं में पढ़ने वाली लड़की यानि पीड़ित की छोटी बहन ने किया। जिसका अंजाम यह हुआ कि उसकी जमीन में पड़े-पड़े मौत हो गई।
छोटी बेटी में आती है मृत पिता की आत्मा
बता दें कि सुनीता के बीमार होने पर आरोपी परिवार से पड़ोसियों ने उसका इलाज करने की सलाह भी दी थी। लेकिन उन्होंने किसी नहीं सुनी और वह तंत्र-मंत्र के जरिए उसका इलाज करते रहे। गीताबाई के पति की पहले ही मौत हो चुकी है। ऐसे में परिवार का मानना है कि उनकी सबसे छोटी बेटी में उसके पिता की आत्मा आती है। जिसके चलते वह अपनी सारी परेशानियों को दूर करते हैं। चाहे फिर वह धन संबंधित समस्या हो या फिर कोई बड़ी बीमारी क्यो ना हो।
पुलिस पहुंची तो उसे भी दिखाया टोना-टोटका का भय
तंत्र-मंत्र की आवाज सुनकर पड़सियों ने पुलिस को सूचना देकर मौके पर बुलाया। इसके बाद भी उनका ड्रामा चलता रहा। इतना ही नहीं उन्होंने टोना-टोटका भय दिखाकर पुलिस और पड़ोसियों को भी डराया। पुलिस अंदर नहीं जाने दिया, किसी तरह युवती को लेकर अस्पताल लेकर पहंची, लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। DSP झाबरमल यादव ने बताया कि महिला को मारा गया है या इसकी बीमारी से मौत हुई है, यह जांच की जाएगी। शुरुआत में अंधविश्वास के चलते ही मौत होना माना जा रहा है।क्योंकि महिला के शरीर पर चोट के निशान मिले हैं, जिससे पता चलता है कि परिवार ने उसके साथ मारपीट की है।
बंद कमरे में पूरा परिवार करता था काला जादू
बता दें कि आरोपी परिवार में 20 से 25 सदस्य हैं जो घटना के वक्त एक कमरे में बंद थे। परिवार की मुखिया गीताबाई है, जिसके पति मोहनलाल का निधन हो चुका है। महिला की 5 बेटियां हैं। जिनके नाम किरण, अनिता व रज्जू हैं, चौथी 12वीं में पढ़ती है तो पांचबी सुनीता जिसकी मौत हो गई। वहीं परिवार में अन्य लोग थे जो कि महिला के देवर-देवरानी थे। घटनाक्रम के दौरान 6-8 छोटे-छोटे बच्चे, 4 महिलाएं और दो पुरुष भी कमरे में बंद थे।