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पिता ने एक-एक करके 4 बच्चों को मार डाला, फिर एक रजाई में चिपकाकर सुला दिया..खुद भी नहीं रह सका जिंदा
बांसवाड़ा (राजस्थान). कहते हैं कि पिता वक्त आने पर अपनी जान पर खेलकर बच्चों की जिंदगी की रक्षा करता है। इसलिए तो उसे यूं ही जन्मदाता नहीं कहते। लेकिन अगर यही बाप मृत्युदाता बन जाए तो उसे क्या कहेंगे। ऐसा ही एक दिल दहला देने वाला मामला राजस्थान के बांसवाड़ा से सामने आया है। जहां एक पिता ने अपने चार मासूम बच्चों की एक के बाद एक का गला घोंटकर हत्या कर दी। इसके बाद उसने खुद फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। इस घटना के बाद से गांव में गम का माहौल बना हुआ है। हर तरफ सिर्फ सन्नाटा पसरा गया है।
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दरअसल, यह खौफनाक वारदात बांसवाड़ा जिले कुशलगढ़ के डूंगलापानी गांव की है। जहां बाबूलाल नाम के युवक ने अपने चार बेटे राकेश (8), मांगीलाल (6), विक्रम (4) और गणेश (2) की गला घोंटकर हत्या कर दी। इसके बाद उसने खुद घर के सामने पेड़ से लटकर कर फांसी लगा ली। गांव वालों की सूचना देने के बाद कुशलगढ़ थानाधिकारी प्रदीप सिंह मौके पर पहुंचे।
गाववालों के अनुसार जब उन्होंने घर के अंदर जाकर देखा तो बाबू के चारों बेटों शव जमीन पर पड़े हुए थे। वहीं बाबू पेड़ से लटक रहा था। पुलिस ने बांसवाड़ा से एफएसएल टीम को बुलाया गया है। पूछताछ में पता चला कि बाबू का कुछ दिन पहले पत्नी से झगड़ा हुआ था। जिसके बाद वह अपने मायके गुजरात चली गई। पुलिस ने मामले जानकारी पत्नी को भी दे दी है। साथ उसको जांच के लिए गुजरात से बांसवाड़ा बुलाया है।
वहीं गांव के सरपंच पारसिंह ने बाबूराम के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि बाबू को शराब पीने की लत थी, जिसके चलते वह आए दिन अपनी पत्नी से विवाद करता रहता था। इतना ही नहीं बाबू के साथ पहले उसकी मां रहती थी, लेकिन वह अपनी मां की भी मारपीट करने लगा था। जिसके चलते वह बेटे से तंग आकर रिश्तेदारों के घर रहने चली गईं। वहीं उसके पिता का पहले ही निधन हो चुका है।
यह मृतक बाबूलाल का वही घर है, जिसमें वह अपने परिवार के साथ रहता था। लेकिन अब इसमें रहने वाला कोई जिंदा नहीं बचा। अकेली पत्नी बची है, जो अपने मायके में रहकर मजदूरी करती थी।