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एक ही चिता पर पति-पत्नी और बेटे का अंतिम संस्कार, राजस्थान के दो गांवों में चूल्हा तक नहीं जला, हर कोई रो रहा
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बेटे का शव देख बेसुध हुई मां
आंखों के सामने तीनों शव आते ही मृतक डॉक्टर की मां मनोहरी देवी बेसुध हो गई। काफी देर तक वह होश में नहीं आई। बड़ी मुश्किल से नजदीकी लोगों ने संभालते हुए होश दिलाया तो वह बेटे का ढका चेहरा देखने की जिद करने लगी। जिसके बाद उसे दूर से तीनों के दर्शन करवाए गए।
दो शव अब भी लापता
इधर, हादसे का शिकार हुई चिकित्सक के साले राजेश और पत्नी का शव सीधे ढोढसर ले जाया गया। जहां भी दोनों का साथ अंतिम संस्कार किया गया। अंतिम संस्कार के दौरान दोनों गांव में चूल्हे नहीं जले। उधर, मृतक सतीश की बेटी व सरिता की भतीजी का दूसरे दिन भी कोई सुराग नहीं मिला। गोताखोर मंगलवार को भी दोनों के शवों की तलाश में जुटे रहे।
बस की टक्कर से नहर में गिरी थी कार
रींगस थाना इलाके के ठीकरिया गांव निवासी चिकित्सक डॉ. सतीश पूनिया का परिवार साले के परिवार के साथ पांच दिन पहले हिमाचल प्रदेश घूमने गया था। सोमवार को आनंदपुर साहिब की ओर से आने वाले रास्ते पर घनौली के पास अहमदपुर वाले पुल पर एक तेज रफ्तार बस ने ओवर टेक करते हुए उनकी कार को टक्कर मार दी।
हादसे में परिवार खत्म
इस हादसे में कार अनियंत्रित होकर पुल की रेलिंग तोड़ते हुए भाखड़ा नहर में जा गिरी। हादसे में डॉ. सतीश पूनिया, पत्नी सरिता पूनिया, पुत्र दक्ष, बेटी गुड़िया, मूंगावाली नांगल ढोढसर निवासी राजेश पुत्र घासीराम, उसकी पत्नी और भतीजी नहर में डूब गए।
पांच शव मिले, दो लापता
इस हादसे के बाद पुलिस और गोताखोरों की टीम ने पांच लोगों के शव तो निकाल लिए गए, लेकिन गुड़िया और सरिता की भतीजी का शव नहर में अब तक नहीं मिल पाया है। उनकी तलाश जारी है। उधर गांव में मातम पसर गया है। दो गांव में चूल्हे तक नहीं जले हैं। हर किसी की आंखें नम हैं।
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