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REET एग्जाम में ये चप्पल भी चली; जिनकी कीमत लाखों, जैसे ही उठाकर देखा तो 2 पर्तों में खुल गई सारी पोल
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दरअसल, राजस्थान पुलिस ने नकल कराने वाले ऐसे गिरोह का पर्दाफाश किया है जो रीट परीक्षा में ब्लूटूथ चप्पलों की मदद चीटिंग करा रहे थे। जब मोबाइन इंटरनेट बंद किया गया तो शातिर नकलचियों ने चप्पलों को ही मोबाइल बना डाला। पुलिस ने इन चप्पलों को तोड़कर देखा तो वह हक्के-बक्के रह गए। क्योंकि इसमें नकल कराने की डिवाइस फिट थी।
इन चप्पलों की कीमत एप्पल के मोबाइल से भी कई गुना ज्यादा है। बदमाशों ने इन चप्पल की कीमत 6 लाख रुपए रखी थी। इतना ही नहीं इन्होंने इस तरह के 25 जोड़े चप्पलें बेच भी दीं। पुलिस ने बीकानेर से ऐसे तीन लोगों को गिरफ्तार किया है जो चप्पलों को बेच रहे थे।
बता दें कि लाखों की कीमती अनोखी चप्पलों में डिवाइस से लगी है। इनको अभ्यर्थी अपने पैरों में बड़े आराम से पहनकर परीक्षा हॉल में बैठकर ब्लूटूथ की मदद से आसानी से नकल कर सकता है। ना तो इनको पुलिस पकड़ सकती थी और ना ही कोई एग्जामनर।
नकल कराने वाली यह गैंग स्पंज वाली चप्पलों को बीच में से काटकर उसके सोल (तला) को अलग करते थे। फिर तले में मोबाइल बैटरी, मदर बोर्ड और अन्य उपकरण रखते। मोबाइल काम आने वाली सारी चीजों को तले के बीच में रख देते थे। इसके बाद सिम कार्ड लगाने के लिए स्लॉट रखा करते थे। सब कुछ फिट करने के बाद चप्पल के ऊपरी हिस्से को वापस जोड़ देते थे। फिर सभी को मोबाइल ब्लूटूथ के जरिए कान ईयरफोन से कनेक्ट कर देते थे। इसके बाद अभ्यर्थियों से नकल कराने वाली गैंग को जोड़ देते थे।
पुलिस ने जिन आरोपियों को पकड़ा है उनके नाम ओम प्रकाश, मदन और त्रिलोक हैं। यह तीनों आरोपी चुरू के रहने वाले हैं। सभी को परीक्षा शुरू होने से पहले गंगाशहर के नया बस स्टैंड के पास से हिरासत में लिया है। उनके कब्जे से मोबाइल सिम कार्ड, ब्लूटूथ डिवाइस और अन्य उपकरण जब्त किए गए हैं। आरोपियों से पूछताछ की जा रही है।