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उदयपुर में कांग्रेस चिंतन शिविर का समापन : राहुल गांधी बोले- BJP-RSS को हराना क्षेत्रीय दलों के बस की बात नहीं
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हमारी पार्टी बीजेपी जैसी नहीं-राहुल गांधी
राहुल गांधी ने अपने संबोधन में बीजेपी (BJP) के दिग्गज नेताओं को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि कांग्रेस के डीएनए में सब को बोलने का अधिकार है। जबकि बीजेपी में ऐसा नहीं है। वहां चुनिंदा नेता ही अपनी राय रखते हैं और उसे ही सब को मानना पड़ता है। अपनी पार्टी के लिए उन्होंने कहा कि कांग्रेस को सुधारने की जरूरत है। कांग्रेस के नेताओं को भी अपने अंदर झांकने की जरूरत है।
जनता के बीच जाएंगे, बीजेपी को हराना है
राहुल गांधी ने कहा कि हमें बिना सोचे जनता के बीच जाकर बैठना है। समस्या जो भी हैं उनका समाधान करना है। हमारा कनेक्शन पिछले कुछ समय से जनता से टूट गया है, उसे वापस कनेक्ट करना है। उन्होंने यह भी कहा कि बीजेपी और RSS को हराने के लिए किसी क्षेत्रीय दलों में क्षमता नहीं है। यह काम कांग्रेस करती आई है और फिर वापस भी वही करेगी।
अक्टूबर से शुरू होंगी यात्राएं
कांग्रेस सांसद ने कहा कि जनता के बीच जाने के लिए पूरी प्लानिंग की जा रही है। अक्टूबर से देशभर में लगभग सभी राज्यों को कवर करने के लिए यात्रा करने का प्लान तैयार किया जा रहा है। सभी बड़े नेताओं को जिम्मेदारी मिलेगी और जो कार्य करता है उनकी भी महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी। गौरतलब है कि संगठन में वर्तमान में निचले स्तर से चुनाव शुरू हो गए हैं और सितंबर तक कांग्रेस के अध्यक्ष का चुनाव भी होना है। कांग्रेस के अध्यक्ष के रूप में राहुल गांधी का नाम पहला और अंतिम माना जा रहा है।
नोटबंदी जीएसटी देश पर कर रही चोट
राहुल गांधी ने कहा कि मोदी सरकार ने हिंदुस्तान के युवाओं के भविष्य को बर्बाद कर दिया है। नोटबंदी-जीएसटी लाकर मोदी सरकार ने देश को बड़ी चोट दी है। एक तरफ बेरोजगारी बढ़ी है और दूसरी तरफ महंगाई ने आम जनता की कमर तोड़ रही है। उन्होंने कहा कि यह लड़ाई संविधान बचाने को लेकर है। उन्होंने कहा कि कभी किसी से कोई पैसा नहीं लिया। अगर किसी ने एक रुपया भी दिया है तो वह सामने आकर बता सकता है।
चिंतन शिविर के मंथन से निकलेगा मजबूती का मंत्र
तीन दिनों तक चले कांग्रेस चिंतन शिविर में जो मंथन हुआ है, उससे पार्टी को मजबूत करने का मंत्र निकलकर सामने आया है। इस शिविर में जो कुछ भी तय हुआ है, पार्टी अब अगले लोकसभा चुनाव तक उसी लाइन पर चलेगी। सोशल इंजीनियरिंग पर भी पार्टी का फोकस रहेगा तो कामकाज का तरीका भी बदलेगा। मुख्य फोकस संगठन की मजबूती पर रहेगा ताकि साल 2024 के लोकसभा चुनाव में जीत का दरवाजा खुल सके।
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