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इस एक्ट्रेस को सरकारी स्कूल में पढ़ाने तक के नहीं थे पैसे, बेहद गरीबी में बीता बचपन लेकिन फिर ऐसे कमाया नाम
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सिल्क का परिवार इतना गरीब था कि घरवाले उन्हें पढ़ने के लिए सरकारी स्कूल तक भेजने में नाकाम थे। ऐसे में चौथी क्लास में ही उनकी पढ़ाई छूट गई। इसके बाद वो फिल्मों में मेकअप असिस्टेंट का काम करने लगीं।
स्मिता शूटिंग के दौरान हीरोइन के चेहरे पर टच अप का काम किया करती थीं। फिल्मी चकाचौंध को देखकर ही उनकी आखों में भी हीरोइन बनने का सपना सजने लगा।
वे प्रोड्यूसर्स से दोस्ती करने लगीं। 1979 में मलयालम फिल्म 'इनाये थेडी' में पहली बार लोगों ने उन्हें परदे पर देखा। स्मिता ने साउथ फिल्म इंडस्ट्री को अपने जादू से हिलाकर रख दिया था।
सिल्क की बढ़ती डिमांड को देखकर हर फिल्म डिस्ट्रीब्यूटर की यह मांग होने लगी कि फिल्म में अगर सिल्क का आइटम नंबर नहीं होगा तो वह फिल्म नहीं खरीदेंगे। ऐसे में हर निर्माता-निर्देशक सिल्क को कम से कम एक गाने में मजबूर हो गया। उन्होंने दस साल के फिल्मी करियर में लगभग 500 फिल्में की।
कई हिट फिल्मों में काम करने वाली सिल्क की लाइफ में एक वक्त ऐसा भी आया जब उन्हें घाटा उठाना पड़ा था। दरअसल, सिल्क ने प्रोड्यूसर बनकर फिल्मों में पैसा लगाया, लेकिन इसमें उन्हें सफलता नहीं मिली। फिल्मों में हुए घाटे का असर उनके निजी जीवन पर भी हुआ और मानसिक तौर पर वो कमजोर हो गईं।
80 के दशक में साउथ फिल्मों में सिल्क स्मिता का जादू ऐसा चला जिसे लोग आज भी भूला नहीं सके हैं। उनके बचपन का नाम विजयालक्ष्मी था। सिल्क साउथ की सबसे बोल्ड एक्ट्रेस मानी जाती थीं। बता दें, सिल्क स्मिता की कंट्रोवर्शियल लाइफ पर 2011 में 'द डर्टी पिक्चर' बनाई गई, जिसमें विद्या बालन ने लीड रोल प्ले किया।
'वांडीचक्रम' उनके करियर की सबसे बड़ी फिल्म साबित हुई जो 1980 में रिलीज हुई थी। फिल्म में अपने किरदार सिल्क को मिली शोहरत को उन्होंने अपने साथ जोड़ते हुए अपना नाम 'सिल्क स्मिता' कर लिया।
उन्होंने कमल हासन, रजनीकांत और चिरंजीवी जैसे बड़े स्टार्स के साथ काम किया था। इतने बड़े स्टार्स सिल्क के साथ गाना करने के लिए हमेशा तैयार रहते थे।