बजट में किया गया मशीन लर्निंग का जिक्र, जानें कैसे काम करती है ये तकनीक
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मशीन लर्निंग टर्म सुनकर ऐसा लगता है जैसे हम किसी भारी भरकम तकनीक की बात कर रहे हैं। लेकिन आप भी इसका इस्तेमाल आज के समय में करने लगे हैं। गूगल पर या यूट्यूब पर आप जिन चीजों को बोलकर सर्च करते हैं, वो मशीन लर्निंग का ही हिस्सा है।
मशीन लर्निंग में बिना कोडिंग के ही मशीन सिस्टम अपडेट कर लेती है। ऐसा होता है उसके पूर्व में एकत्रित डेटा के आधार पर। मशीन लर्निंग आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर आधारित होती है। आज के समय में इसका इस्तेमाल काफी ज्यादा होता है।
कह सकते हैं कि मशीन लर्निंग में मशीनों के अंदर इंसान की तरह एक दिमाग दे दिया जाता है जो खुद से फैसले लेने लगता है। इस तकनीक में मशीनें सीखती हैं और भविष्य में उनके आधार पर काम करती है।
हालांकि, ये लर्निंग डेटा के आधार पर होता है। भूतकाल में मशीन ने क्या सर्च किया है, उसी के आधार पर आगे जवाब दिया जाता है। उदाहरण के लिए- अगर आपने अमेजन पर मोबाइल सर्च किया है तो आपको गूगल से लेकर फेसबुक आदि पर मोबाइल के ऐड दिखने लगेंगे। ये है मशीन लर्निंग।
हेल्थकेयर वर्ल्ड में भी मशीन लर्निंग का बहुत बड़ा योगदान है। अब कई बड़ी मशीनों में इस तकनीक के जरिये जानलेवा बीमारियों को पहचानने का गुण आ गया है। कैंसर जैसी बीमारियों को मशीन लर्निंग के जरिये तुरंत पहचान लिया जाता है।
मशीन लर्निंग का भविष्य काफी उज्जवल है। आगे के समय में ये इंसान की जिंदगी में बहुत बड़ा रोल प्ले करेगा। लोगों को किसी काम का रिजल्ट पाने में ज्यादा समय का इन्तजार नहीं करना पड़ेगा। मोदी सरकार ने भारत को और उन्नत बनाने के लिए इस बजट में मशीन लर्निंग को काफी इम्पोर्टेंस दी है।