- Home
- Viral
- चमड़े नहीं बल्कि कश्मीर के लोग पहनते थे ऐसा जूता, अब 110 साल का व्यक्ति फिर से वही करने में जुटा है
चमड़े नहीं बल्कि कश्मीर के लोग पहनते थे ऐसा जूता, अब 110 साल का व्यक्ति फिर से वही करने में जुटा है
श्रीनगर. कश्मीर के बांदीपोरा जिले के केहनुसा गांव का एक 110 साल का व्यक्ति धान के भूसे से चप्पल-जूते बनाने की कश्मीरी परंपरा को जीवित रखने की कोशिश कर रहा है। अब्दुल समद गनी जूते बनाते हैं जिन्हें कश्मीर में पुल्हूर कहा जाता है। आइए जानते हैं कि पुल्हूर के जरिए कैसे जूते बनते थे..
| Published : Jul 09 2021, 04:16 PM IST / Updated: Jul 09 2021, 06:11 PM IST
- FB
- TW
- Linkdin
कश्मीर में खूब पहनी जाती थी ये चप्पल
अब्दुल समद गनी सालों पुरानी पुल्हूर बनाने की कश्मीरी परंपरा को जिंदा रखने की कोशिश कर रहे हैं। ये जूते लोग प्राचीन काल में पहनते थे। अब्दुल समद इन चप्पलों को अपने इस्तेमाल के लिए बना रहे हैं। वे भी चाहते हैं कि ये पुरानी कला जीवित रहे।
युवा पीढ़ी कश्मीर के बारे में जान सके
अब्दुल समद गनी ने कहा, मेरा उद्देश्य इस कला को जीवित रखना है ताकि हमारी युवा पीढ़ी पुराने कश्मीर के जान सके। जब कोई भी चमड़े और अन्य जूते नहीं पहनता था तो इन्हीं जूतों का इस्तेमाल होता था।
उन्होंने कहा, इस तरह के जूते पर्यावरण के अनुकूल और स्किन के लिए सही हैं। पुराने वक्त में हर घर न केवल इनका उपयोग कर रहा था बल्कि कश्मीर में इन हल्के जूते खुद भी बना रहा था।